scorecardresearch

Charan Sparsh: चरण स्पर्श करने से बेहतर होता है भाग्य, जानें इसे सही तरीके से करने के अद्भुत लाभ

सही तरीके से चरण स्पर्श करके अद्भुत लाभ हो सकते हैं. इससे भाग्य बेहतर हो सकता है, संकट मिट सकते हैं और ईश्वर की अनुभूति हो सकती है. चरण स्पर्श के तीन तरीके हैं. पहला झुककर चरण स्पर्श करना, दूसरा घुटनों के बल बैठकर चरण स्पर्श करना और तीसरा साष्टांग प्रणाम.

Charan Sparsh Charan Sparsh

हिन्दू संस्कारों में अभिवादन की परंपरा पाई जाती है. अभिवादन के कई तरीके हैं जैसे हाथ जोड़कर प्रणाम करना, चरण स्पर्श करना, सिर झुका कर अभिवादन करना लेकिन चरण स्पर्श करना एक विशेष आध्यात्मिक और वैज्ञानिक प्रक्रिया भी है.पंडित शैलेंद्र पांडेय चरण स्पर्श का महत्व और मान्यता के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि सही तरीके से चरण स्पर्श करके अद्भुत लाभ हो सकते हैं. इससे भाग्य बेहतर हो सकता है, संकट मिट सकते हैं और ईश्वर की अनुभूति हो सकती है. 

चरण स्पर्श से क्यों होता है लाभ 
हर व्यक्ति के अंदर एक विशेष तरह की ऊर्जा होती है. यह व्यक्ति के हाथों और पैरों की अंगुलियों में प्रवाहित होती रहती है. यह ऊर्जा स्पर्श से एक-दूसरे तक पंहुच जाती है. हाथों से पैरों को स्पर्श करते ही व्यक्ति ऊर्जा खींच लेता है. इसी प्रकार से सिर पर हाथ रखते ही व्यक्ति अपनी ऊर्जा दे देता है. यदि ऊर्जा शुभ है तो तत्काल लाभ होता है. 

चरण स्पर्श के तरीके क्या हैं 
चरण स्पर्श के तीन तरीके हैं. पहला झुककर चरण स्पर्श करना, दूसरा घुटनों के बल बैठकर चरण स्पर्श करना और तीसरा साष्टांग प्रणाम. इन तीनों ही तरीकों से शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम होता है. शरीर लचीला और मजबूत होता है. मन शुद्ध होता है और अहंकार का नाश होता है. 

चरण स्पर्श करने के क्या हैं नियम 
चरण, उसी के स्पर्श करें, जिसके प्रति मन में श्रद्धा हो और जो श्रद्धा के योग्य हो. यदि झुककर चरण स्पर्श कर रहे हैं तो हाथों की अंगुलियों से पैरों का अंगूठा छुएं. अगर घुटनों के बल बैठकर कर रहे हैं तो अपना सिर चरणों में रखें. साष्टांग प्रणाम केवल अपने गुरु या ईष्ट को करें, अन्य किसी को नहीं. महिलाओं को साष्टांग प्रणाम करना मना है. जब भी कोई चरण स्पर्श करे तो उसके सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दें. माता-पिता को अपनी पुत्रियों से चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए. 

चरण स्पर्श करने के फायदे
पिता के चरण स्पर्श करने से सूर्य की पीड़ा समाप्त होती है. मां के चरण स्पर्श करने से चन्द्रमा अनुकूल होता है. स्त्री के चरण स्पर्श करने से बुध और शुक्र मजबूत होंगे. भाई और बहन के चरण स्पर्श करने से मंगल की समस्याएं दूर होंगी. वृद्ध व्यक्ति के चरण स्पर्श करने से बृहस्पति मजबूत होगा. सात्विक, सदाचारी और ईमानदार व्यक्ति के चरण स्पर्श से शनि, राहु, केतु नियंत्रित होंगे. संतों और महात्माओं के चरण स्पर्श करने से हर तरह की बाधा दूर होती है. समस्त ग्रहों की पीड़ा शांत होती है. यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति नकारात्मक है तो मिलने वाले सभी लोगों को हाथ जोड़कर नमस्कार करना आरम्भ कर दें. चरण स्पर्श करते समय यदि बाएं हाथ से बाएं पैर और दाएं हाथ से दाएं पैर का स्पर्श किया जाए तो सजातीय ऊर्जा का प्रवेश सजातीय अंग से तेजी से पूर्ण होता है. यदि इसके विपरीत किया जाए तो ऊर्जा के प्रवाह में रुकावट उत्पन्न हो जाएगी. चरण स्पर्श व्यक्ति के मनोबल को बढ़ाता है. यदि आप किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति हेतु घर से निकल रहे हैं तो चरण स्पर्श करने से उस लक्ष्य को पाने का बल मिलता है,मन को शान्ति मिलती है.अपने से बड़ों का आशीर्वाद सुरक्षा कवच का कार्य करता है जिससे सोच सकारात्मक हो जाती है.