Virtual Diya for Lord Ram
Virtual Diya for Lord Ram अब भक्त दुनिया के किसी भी कोने से भगवान राम के लिए वर्चुअल दीया जला सकते हैं और ऑनलाइन पूजा भी कर सकते हैं. अयोध्या तीर्थ विकास परिषद ने दीपोत्सव 2025 ने दिवाली को और भी खास बनाने के लिए यह डिजिटल पहल शुरू की है. यह पहल ‘एक दीया राम के नाम’ के तहत लाई गई है.
‘एक दीया राम के नाम’ से जुड़ेंगे भक्त
पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, दीपोत्सव अब विश्व स्तर का उत्सव बन चुका है. ‘एक दीया राम के नाम’ के माध्यम से भक्त घर बैठे आध्यात्मिक रूप से भाग ले सकते हैं. यह पहल भावनात्मक रूप से लोगों को जोड़ती है और सभी को उत्सव में भाग लेने का मौका देती है.”
श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद ने ‘दिव्य अयोध्या’ ऐप के जरिए यह सुविधा उपलब्ध कराई है. ऐप के माध्यम से भक्त वर्चुअल दीया जला सकते हैं और अपने घर से ही भगवान राम के प्रति भक्ति व्यक्त कर सकते हैं. इस ऐप में मंदिर की जानकारी, गाइडेड टूर, होटल और होमस्टे बुकिंग, और परिवहन सेवाओं की सुविधा भी उपलब्ध है.
भक्तों की सुविधा के लिए तीन विशेष पैकेज उपलब्ध कराए गए हैं.
राम ज्योति पैकेज (2,100): इसमें रोली, सरयू का जल, अयोध्या की मिट्टी, रामदाना, मिश्री, रक्षा सूत्र, हनुमान गढ़ी के लड्डू और मिनी पदुका शामिल हैं.
सीता ज्योति पैकेज (1,100): इसमें वस्तुएं कम मात्रा में शामिल हैं.
लक्ष्मण ज्योति पैकेज (501): इसमें भी पूजा सामग्री का सेट शामिल है.
ये सभी पैकेज पंजीकृत भक्तों के घर सीधे पहुंचाए जाएंगे.
इस बार अयोध्या में 26 लाख से अधिक दीयों से सरयू घाट जगमगाएगा. 2,100 भक्त महाआरती में भाग लेकर दो नए विश्व रिकॉर्ड भी बनाएंगे. दिव्य अयोध्या ऐप के जरिए अब दुनिया भर के भक्त भी इस भव्य उत्सव का हिस्सा बन सकेंगे.
तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम
जयवीर सिंह ने बताया, “यह प्रयास तकनीक और परंपरा का सुंदर मिश्रण है. दीपोत्सव केवल दीपों का नहीं बल्कि एकता, भक्ति और साझा विश्वास का उत्सव है. ‘एक दीया राम के नाम’ के जरिए भक्त अयोध्या से आध्यात्मिक रूप से जुड़े रह सकते हैं और भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट कर सकते हैं.”
घर बैठे पूजा में शामिल हों
दुनिया भर के भक्त ‘दिव्य अयोध्या’ ऐप डाउनलोड करके या www.divyaayodhya.com/bookdiyaprashad पर जाकर अपने वर्चुअल दीये की पूजा में हिस्सा ले सकते हैं. इस पहल के साथ दीपोत्सव की रोशनी अब केवल अयोध्या तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि घर-घर और दिलों तक पहुंचेगी.