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Diwali 2025: मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले जरूर रखें इन बातों का ध्यान, घर में आएगी सुख-समृद्धि और पैसों की होगी बारिश 

Diwali and Dhanteras: इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर और दिवाली 20 अक्टूबर को है. दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना की जाती है. आइए जानते हैं लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को खरीदने से पहले किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. 

Diwali 2025 Diwali 2025
हाइलाइट्स
  • 20 अक्टूबर 2025 को है दिवाली

  • 18 अक्टूबर 2025 को है धनतेरस

खुशियों का पर्व दिवाली आने वाली है. धनतेरस के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाती है. इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर को है. 20 अक्टूबर 2025 को दिवाली मनाई जाएगी. दिपावली पर विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी की पूजा से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान गणेश की आराधना से बुद्धि की प्राप्ति होती है.

नई लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का ही करें पूजन 
दिवाली की पूजा के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां हर साल खरीदी जाती हैं क्योंकि दीवाली पूजन के लिए नई गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां होना जरूरी है. हर वर्ष एक ही मूर्तियों से पूजा नहीं करना चाहिए, यह गलत माना जाता है. यदि आपके पास पुरानी लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां हैं तो उन्हें विसर्जित कर दें. यदि आपके पास सोने-चांदी की गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां हैं तो गंगाजल से साफ करके दीवाली पूजन कर सकते हैं.

धनतेरस की शाम गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदना होता है बेहद शुभ
धनतेरस की शाम जिस समय शुक्र या गुरु उदय हों, उस समय गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदना बेहद शुभ माना गया है. यदि धनतेरस के दिन गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदना संभव न हो तो नरक चौदस या फिर दीपावली की सुबह खरीदी जा सकती है. ये घड़ी भी मूर्ति खरीदने के लिए शुभ मानी जाती है. धनतेरस पर मूर्ति खरीदकर दीपावली की शाम पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इतना ही नहीं पैसों की बारिश होती है. लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को खरीदने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है. आइए जानते हैं कैसी मूर्तियां खरीदनी चाहिए?

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां खरीदने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
1.
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय ये ध्यान रखना चाहिए कि माता लक्ष्मी और गणेश जी बैठी हुई मुद्रा में हो. कभी भी खड़े मुद्रा में भगवान की मूर्ति घर में नहीं लानी चाहिए ये अशुभ माना जाता है.
2. मूर्ति खरीदते समय गणेश जी की सूंड की दिशा का ध्यान रखें. ध्यान रखें की उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हो. यदि आप व्यापारी हैं और दुकान में पूजा कर रहे हैं तो भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति लें, जिसमें सूंड बाईं ओर मुड़ी हो.
3. भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय यह ध्यान रखें कि उनके हाथ में मोदक हो. वाहन चूहा भी होना शुभ माना जाता है.
4. मां लक्ष्मी जी मूर्ति खरीदते इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि धन की देवी कमल के फूल पर विराजमान हों. उनके एक हाथ में कमल और दूसरे हाथ से आशीर्वाद दे रही हों. मूर्ति का रंग गुलाबी अच्छा माना जाता है.
5. लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा साथ होती है लेकिन ये मूर्ति खरीदते वक्त ये ध्यान रखना चाहिए कि मूर्तियां एक साथ जुड़ी नहीं होनी चाहिए. 
6. मिट्टी या धातु की मूर्ति सबसे शुभ मानी गई है. प्लास्टर ऑफ पेरिस या प्लास्टिक की मूर्ति से बचना चाहिए.
7. ऐसी कोई मूर्ति ना खरीदें, जिसमें मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर विराजमान हों, उल्लू पर विराजमान मां लक्ष्मी को काली मूर्ति का प्रतीक माना जाता है.
8. मां लक्ष्मी मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि मां लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान हों. उनका हाथ वरमुद्रा में हो और धन की वर्षा कर रहा हो.
9. मूर्ति के चेहरे शांत और प्रसन्न भाव वाले हों. लक्ष्मीजी का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. गणेशजी का दक्षिणमुखी होना शुभ होता है.

इन बातों का भी रखें ध्यान 
1. धनतेरस पर मूर्ति घर लाने से पहले पूजा स्थल की सफाई करें. 
2. मूर्ति को लाल कपड़े में लपेटकर रखें और दीपावली की रात पूजा घर में स्थापित करें. 
3. मूर्ति को पैर के नीचे न रखें. 
4. एक मूर्ति को दोबारा पूजा में इस्तेमाल न करें. 
5. टूटी या खंडित मूर्तियों को घर में नहीं रखना चाहिए.