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Easter Day 2023: क्यों मनाया जाता है ईस्टर, ईसाई धर्म में क्या है इसका महत्व, जानें कैसे मनाया जाता है यह पर्व

Easter 2023 History: ईसाई धर्म में ईस्टर खुशी का दिन होता है. सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन ईस्टर संडे को प्रभु यीशु फिर से जीवित हो गए थे. इस दिन लोग चर्च में जाते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं. 

ईस्टर डे को प्रभु यीशु पुनर्जीवित हुए थे. ईस्टर डे को प्रभु यीशु पुनर्जीवित हुए थे.
हाइलाइट्स
  • ईसाई धर्म के लोग प्रभु यीशु के दोबारा जीवित होने की खुशी में एक-दूसरे को देते हैं बधाई 

  • ईस्टर पर सजी हुई मोमबत्तियां घरों में जलाने और दोस्तों को बांटने की है परंपरा 

ईस्टर डे गुड फ्राइडे के तीसरे दिन मनाया जाता है. इसे यीशु मसीह के दोबारा जीवित होने की खुशी में मनाया जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि प्रभु यीशु गुड फ्राइडे के तीसरे दिन पुनर्जीवित हुए थे. इसी घटना को ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है.

खुशी का दिन 
ईसाई धर्म में ईस्टर खुशी का दिन होता है. इसे खजूर का संडे भी कहते हैं. यह पर्व 9 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा. यह पर्व जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. ईस्टर शब्द जर्मन के ईओस्टर शब्द से लिया गया, जिसका अर्थ है देवी. यह देवी वसंत की देवी मानी जाती थी. पुराने वक्त में ईसाई ईस्टर रविवार को ही पवित्र दिन के रूप में मानते थे, लेकिन चौथी सदी के बाद गुड फ्रायडे समेत ईस्टर से पहले आने वाले प्रत्येक दिन को पवित्र माना गया. 

जीवित हो उठे थे प्रभु यीशु
कहा जाता है कि सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन ईस्टर के दिन प्रभु यीशु फिर से जीवित हो गए थे. फिर से जीवित होने के बाद 40 दिन तक प्रभु यीशु अपने शिष्यों और दोस्तों के साथ रहे और अंत में स्वर्ग चले गए. अनुयायियों ने प्रभु यीशु के जी उठने को ईस्टर घोषित कर दिया. ईस्टर संडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग चर्च में जाते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं. उनकी याद में चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं.  लोग बाइबिल पढ़ते हैं और प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी में एक-दूसरे को बधाई देते हैं. ईस्टर पर सजी हुई मोमबत्तियां अपने घरों में जलाने और दोस्तों को बांटने की भी परंपरा है. ईसाई इस दिन व्रत रखते हैं.

यीशु को सबसे पहले मरियम ने देखा था
ईस्टर की आराधना सुबह में महिलाएं करती हैं. यीशु को सबसे पहले मरियम मगदलीनी नामक महिला ने देख अन्य महिलाओं को इस बारे में बताया था. इसे सनराइज सर्विस कहते हैं. सुबह की प्रार्थना के अलावा दोपहर 12 बजे से पहले भी आराधना होती है. ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु जीवित होने के बाद अपने शिष्यों को ज्ञान के उपदेश दिए और उन्हें धर्म, कर्म, शांति एवं मानवता का पाठ पढ़ाया.

ईस्टर पर अंडे का महत्व
ईसाई धर्म के लोग अंडे को नया जीवन और उमंग का प्रतीक मानते हैं. ईस्टर पर्व पर अंडे का खास महत्व होता है. ईसाई धर्म के लोग ईस्टर पर्व पर अंडे सजाकर एक दूसरे को गिफ्ट करते हैं. उनकी मान्यता है कि अंडे अच्छे दिनों की शुरुआत और नए जीवन का संदेश देते हैं.