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Ganesh Chaturthi 2025: घर में गणपति की मूर्ति रखने की सबसे शुभ दिशा कौन-सी है? स्थापना से पहले इन बातों का रखें ध्यान, बरसेगी बप्पा की कृपा

Ganesh Chaturthi 2025: ​​​​​​​धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. वे विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि के देवता माने जाते हैं. इस दिन लोग घरों, मंदिरों और ऑफिस में गणपति जी की मूर्ति स्थापित कर विधिविधान से पूजा करते हैं.

Ganesh Chaturthi 2025 Ganesh Chaturthi 2025

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था और तभी से यह दिन उनके स्वागत और पूजन के लिए विशेष माना जाता है. इस अवसर पर श्रद्धालु अपने घरों, दुकानों, ऑफिसों और मंदिरों में गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना कर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं. अगले दस दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में मोदक, लड्डू जैसे भोग अर्पित किए जाते हैं, जो भगवान गणेश को प्रिय माने जाते हैं. इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 को पड़ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि गणपति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त और जरूरी नियम क्या होंगे.

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. वे विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि के देवता माने जाते हैं. इस दिन लोग घरों, मंदिरों और ऑफिस में गणपति जी की मूर्ति स्थापित कर विधिविधान से पूजा करते हैं. यह पर्व 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी को विसर्जन के साथ समाप्त होता है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी.

घर में गणपति की मूर्ति रखने की सबसे शुभ दिशा कौन-सी है?
गणेश जी की मूर्ति को उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में स्थापित करना वास्तु शास्त्र के अनुसार सबसे शुभ माना जाता है. अगर यह दिशा आपके लिए उपलब्ध न हो, तो पूर्व या उत्तर दिशा भी उपयुक्त होती है. यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और मानसिक शांति का प्रतीक है. मूर्ति स्थापना के समय यह भी ध्यान रखें कि गणेश जी का मुख घर के अंदर की ओर हो और उनकी पीठ दीवार की तरफ.

क्या हम गणपति की मूर्ति का मुख दक्षिण दिशा में रख सकते हैं?
नहीं, गणेश जी की मूर्ति को दक्षिण दिशा की ओर मुख करके रखना वास्तु शास्त्र में अशुभ माना गया है. दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है. इस दिशा में स्थापना से घर में तनाव, असंतुलन और विघ्न उत्पन्न हो सकते हैं. अगर स्थान की मजबूरी हो, तो कोशिश करें कि गणेश जी का मुख उत्तर दिशा की ओर हो और पीठ दक्षिण की ओर रहे.

घर में गणेश जी की बैठी हुई मूर्ति रखनी चाहिए या खड़ी हुई?
घर में स्थापित करने के लिए गणेश जी की बैठी हुई मुद्रा (लालित्यासन) में गणेश जी की मूर्ति को सबसे उत्तम माना जाता है. यह मुद्रा घर में शांति, स्थिरता और सुख-समृद्धि का प्रतीक होती है. खड़े हुए गणेश जी की मूर्ति में ऊर्जा अधिक मानी जाती है, जो कार्यस्थलों, दुकान या ऑफिस के लिए उपयुक्त होती है. इसलिए घर में हमेशा शांत मुद्रा में बैठे हुए, दाएं पैर को मोड़े और बाएं पैर को नीचे टिकाए गणपति की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए.

घर में गणेश जी की मूर्ति किस सामग्री की होनी चाहिए?
घर में पूजा के लिए मिट्टी से बनी गणेश मूर्ति को सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है. यह मूर्ति पर्यावरण के अनुकूल होती है और पंचतत्वों से बनी होती है, जिससे प्रकृति के साथ संतुलन बना रहता है. इसके अलावा, श्वेत संगमरमर, पीतल, या कांसे से बनी मूर्तियां भी शुभ फलदायक होती हैं. POP (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी मूर्तियों से बचना चाहिए क्योंकि वे न तो जल्दी घुलती हैं और न ही पर्यावरण के लिए सुरक्षित होती हैं.

गणपति स्थापना से पहले और बाद में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
गणपति स्थापना से पहले घर की सफाई, पूजा स्थान की शुद्धि और मूर्ति के स्थान का निर्धारण बेहद जरूरी होता है. पूजा के दौरान शुद्धता, संयम और नियमों का पालन करें. रोजाना आरती, भोग और मंत्रोच्चारण करें. विसर्जन से पहले मूर्ति की पूजा कर क्षमा प्रार्थना करनी चाहिए. विसर्जन के लिए जल स्रोत की शुद्धता का भी ध्यान रखें. स्थापना से विसर्जन तक श्रद्धा और आस्था से किया गया हर कार्य शुभ फल देता है.