
देशभर में गणेश उत्सव की धूम है. एक से बढ़कर एक अद्भुत प्रतिमाएं देखने को मिल रही हैं. महाराष्ट्र में गणपती उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. नागपूर में 51 फिट के भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा बैठाई गई है. जबकि महाराष्ट्र के ही जालना में 65 किलोग्राम वजन की चांदी की गणपति बाप्पा की मूर्ति पंडाल में रखी गई है.
51 फीट की भव्य मूर्ति-
महाराष्ट्र के नागपूर के दाभा परिसर में सार्वजनिक पंडाल में 51 फिट के भगवान श्रीगणेश की भव्य और आकर्षक मूर्ति रखी गई है. पंडाल में गणपती बाप्पा बड़े से शान से विराजमान हैं. 51 फिट ऊंचे गणेश प्रतिमा के दर्शन के लिए रोजानमा भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. 51 फिट के गणेश मूर्ति के बगल में ऑपरेशन सिंदूर का बड़ा पोस्टर भी लगाया गया है.
नागपूर शहर में 1100 से ज्यादा सार्वजनिक गणेश पंडालों की स्थापना हुई है. गणेश पंडाल में अलग-अलग थीम पर गणेश विराजमान हैं. इसलिए बड़ी संख्या में भक्त गणपती पंडाल अपने लाडले गणपती बाप्पा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
65 किग्रा की चांदी की प्रतिमा-
महाराष्ट्र के जालना शहर में 65 किलो वजन की चांदी की गणपति बप्पा की मूर्ति भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इस मूर्ति पर 11 तोले का सोने का मुकुट भी सजाया गया है. जालना के नवयुवक गणेश मंडल के इस गणपति को 'मान का पहला गणपति' कहा जाता है. करीब 78 वर्षों से यह मंडल गणेशोत्सव का आयोजन कर रहा है और इस बार मंडल ने संत तुकाराम महाराज के वैकुंठगमन का सुंदर दृश्य प्रस्तुत किया है. इस दृश्य को देखने के लिए नागरिक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
मान के इस गणपति को विसर्जन मिरवणूक में पहला मान मिलता है. गणेशोत्सव की शुरुआत से ही इस गणपति के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लग जाती हैं. 65 किलो की चांदी की मूर्ति और 11 तोले का सोने का मुकुट होने की वजह से यह गणपति बाप्पा जालना में चर्चा का विषय बन गया है. बप्पा के दर्शन और मूर्ति की सुंदरता देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं.
(जालना से गौरव विजय साली के साथ नागपुर से योगेश पांडे की रिपोर्ट)
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