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एक भक्त ऐसा भी! 24 कैरेट सोने से सजवाए द्वारकाधीश मंदिर के द्वार

गांधीनगर के रहने वाले रविंद्र भाई त्रिवेदी ने श्री द्वारकाधीश मंदिर के प्रमुख द्वार को 24 कैरेट सोने से सजाया है.

Dwarkadhish Temple Dwarkadhish Temple

गुजरात के द्वारका में स्थित श्री द्वारकाधीश मंदिर, आज भगवान श्रीकृष्ण के रूप में विराजमान है, भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. यहां श्रद्धालु दर्शन पूजन के साथ-साथ दिल खोलकर चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. इस बार, रविंद्र भाई त्रिवेदी के इस योगदान ने मंदिर की भव्यता को और भी बढ़ा दिया है.

दिया बड़ा दान 
गांधीनगर के रहने वाले रविंद्र भाई त्रिवेदी ने श्री द्वारकाधीश मंदिर के प्रमुख द्वार को 24 कैरेट सोने से सजाया है. यह कार्य रात के समय पूरा किया गया, जिससे मंदिर की भव्यता और भी बढ़ गई है. इस अद्वितीय कार्य के बाद, भक्तों में उत्साह और भी बढ़ गया है. मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इस भव्यता को देखकर अभिभूत हो रहे हैं और दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ा रहे हैं.

मंदिर का महत्व
द्वारका आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण द्वारकाधीश मंदिर (जगत मंदिर) है. इसके बारे में माना जाता है कि इसकी स्थापना भगवान श्रीकृष्ण के परपोते वज्रनाभ ने 2500 से अधिक वर्ष पहले की थी. इस प्राचीन मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण किया गया है, विशेषकर 16वीं और 19वीं शताब्दी के समय में, जिनके प्रभाव आज भी देखे जा सकते हैं. यह मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है, जहां तक पहुंचने के लिए 50 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.

आपको बता दें कि द्वारका, काठियावाड़ प्रायद्वीप के पश्चिमी सिरे पर स्थित है और इसे भारत के पवित्रतम स्थलों – चार धामों – बद्रीनाथ, पुरी और रामेश्वरम के साथ जोड़ा गया है. ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण उत्तर प्रदेश के ब्रज से यहां आए थे और इस नगरी की स्थापना की थी. इस मंदिर की स्थापना उनके पौत्र ने की थी. यह स्थान गोमती नदी और अरब सागर के संगम पर स्थित है, जो इस आध्यात्मिक स्थल को एक सुंदर प्राकृतिक पृष्ठभूमि प्रदान करता है. कहा जाता है कि द्वारका छह बार समुद्र में डूब चुकी है और जो हम आज देखते हैं वह इसका सातवां स्वरूप है.