
महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं. ये व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के बाद अपने पति की लंबी आयु का वरदान मांगती हैं. पूरे दिन का निर्जला व्रत रखने के बाद पूरी विधि विधान से हरतालिका तीज की पूजा की जाती है. इस साल हरतालिका तीज पर्व 18 सितंबर को मनाया जाएगा. सात वर्षों बाद ऐसा संयोग बना है, जब सोमवार को हरतालिका तीज पड़ है. आइए आज शुभ मुर्हूत और पूजा विधि के बारे में जानते हैं.
तृतीया 17 सितंबर की सुबह 11 बजे से आरंभ होगी और 18 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगी. इसलिए हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर दिन सोमवार को रखा जाएगा. इस दिन इंद्र योग बन रहा है, जो पूरे दिन रहेगा. इसके साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. यह दोपहर 12 बजकर 08 बजे से आरंभ होकर पूरी रात रहेगा.
शुभ मुहूर्त
1. शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत- 17 सितंबर, सुबह 11.09 से 18 सितंबर, 12.39 बजे तक
2. प्रातः काल पूजा मुहूर्त- 18 सितंबर, सुबह 06.07 से सुबह 08.34 तक
3. प्रदोष काल पूजा मुहूर्त- 18 सितंबर, शाम 06.24 बजे से शाम 06.47 बजे तक
पूजा विधि
1. हरतालिका तीज पर सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें. जो लोग सुबह पूजा करते हैं वह शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें.
2. हरतालिका तीज के सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा श्रेष्ठ होती है.
3. पूजा से पहले सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार कर बालू या शुद्ध काली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बनाएं.
4. पूजा स्थल पर फुलेरा लगाएं. केले के पत्तों से मंडप बनाएं.
5. गौरी-शंकर की मूर्ति पूजा की चौकी पर स्थापित करें. गंगाजल, पंचामृत से उनका अभिषेक करें.
6. गणेश जी को दूर्वा और जनेऊ चढ़ाएं. शिव जी को चंदन, मौली, अक्षत, धतूरा, आंक के पुष्प, भस्म, गुलाल, अबीर, 16 प्रकार की पत्तियां आदि अर्पित करें.
7. मां पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं. अब भगवान को खीर, फल आदि का भोग लगाएं.
8. धूप, दीप लगाकर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनें. इसके बाद आरती करें.
9. रात्रि जागरण कर हर प्रहर में इसी तरह पूजा करें. अगले दिन सुबह आखिरी प्रहर की पूजा के बाद माता पार्वती को चढ़ाया सिंदूर अपनी मांग में लगाएं.
10. मिट्टी के शिवलिंग का विसर्जन कर दें और सुहाग की सामग्री ब्राह्मणी को दान में दें. प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद ही व्रत का पारण करें.
रखें निर्जला व्रत
हरतालिका तीज के दिन पूरे दिन निर्जला व्रत रखना चाहिए. इस दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. इसलिए भूलकर भी इस व्रत में कुछ खाना या पीना नहीं चाहिए.
घर को रखें शुद्ध
हरतालिका तीज में शुद्धता का विशेष महत्व होता है. विशेष तौर पर घर और पूजाघर को अच्छी तरह साफ कर गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए. घर में कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे घर की शुद्धता भंग हो.
लड़ाई और विवाद से रहें दूर
हरतालिका तीज के दिन भूलकर भी किसी बात को लेकर विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए. इस दिन किसी के बारे में बुरा सोचने या बोलने से भी बचना चाहिए.
निद्रा है वर्जित
हरतालिका तीज के दिन और रात में सोना वर्जत होता है. इस दिन भूलकर भी न सोएं. रात के समय महिलाओं को शिव और पार्वती के भजन कीर्तन करने चाहिए.
काले रंग के कपड़े न पहनें
महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत परिवार के सुख और समृद्धि के लिए करती हैं इसलिए इस दिन काले रंग का वस्त्र नहीं पहनना चाहिए. काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक होता है.
गलती से टूट जाए व्रत तो करें ये उपाय
1. यदि भूलवश हरतालिका तीज का व्रत टूट गया है तो सबसे पहले आप भगवान से इसके लिए क्षमायाचना करें.
2. हरतालिका तीज का व्रत कठिन होता है. ऐसे में किसी विषम परिस्थिति में महिला व्रत रखने में असमर्थ हो या व्रत टूट जाए तो पति भी पत्नी के बदले व्रत रख सकते हैं.
3. हरतालिका तीज पर व्रती गलती से कुछ खा या पी लेती हैं तो इससे व्रत दोष लगता है. व्रत दोष दूर करने के लिए आप देवी-देवता की मूर्ति बनाएं और इन्हें पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद मूर्ति पर अक्षत, फूल, गंध आदि लगाकर शृंगार करें. फिर विधि-विधान से पूजा करें.
4. यदि भूलवश व्रत खंडित हो जाए तो आप किसी पंडित या पुरोहित से पूछकर दान कर सकते हैं. साथ ही सुहागिन महिलाओं को सुहाग का सामान भेंट करें.
क्या है मान्यता
मान्यता है कि सबसे पहले मां पार्वती ने हरतालिका तीज का व्रत रखा था, जिसके प्रभाव से उन्हें महादेव पति के रूप में प्राप्त हुए. इसलिए हरतालिका तीज पर मां पार्वती और शिवजी की पूजा की जाती है. हरतालिका तीज व्रत और पूजा का फल तभी प्राप्त होता है, जब इसे श्रद्धापूर्वक और नियमानुसार किया जाएगा.