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Hemkund Sahib Yatra 2025: 25 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, सेना ने बर्फ हटाकर बनाया रास्ता, इस दिन रवाना होगा पहला जत्था

Hemkund Sahib Gurudwara: हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट 25 मई 2025 को खुलेंगे. भारतीय सेना के जवानों ने बर्फ हटाकर गुरुद्वारे तक मार्ग तैयार कर दिया है. इस वर्ष गुरुद्वारे को सात क्विंटल ताजे फूलों से सजाया जाएगा. आइए जानते हैं हेमकुंड साहिब के लिए कब पहला जत्था रवाना होगा?

Hemkund Sahib Gurudwara (Photo: PTI) Hemkund Sahib Gurudwara (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • समुद्र तल से 15000 फिट की ऊंचाई पर स्थित है हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा 

  • हर साल मई से अक्टूबर तक श्रद्धालुओं के लिए रहता है यह खुला 

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के कपाट 25 मई 2025 को खुलने जा रहे हैं. भारतीय सेना ने बर्फ हटाकर रास्ता तैयार कर दिया है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए यात्रा आसान हो गई है. गुरुद्वारा को सजाने का काम शुरू हो चुका है. यात्रा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है.

इस दिन रवाना होगा पहला जत्था
ऋषिकेश से 22 मई 2025 को पंज प्यारों के नेतृत्व में पहला जत्था हेमकुंड साहिब के लिए रवाना होगा. लक्ष्मणझूला रोड स्थित गुरुद्वारे से यात्रियों के जत्थे को रवाना किया जाएगा. इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट (सेनि) जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहेंगे. इसके बाद 3 मई 2025 से श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा विधिवत रूप से शुरू हो जाएगी. 

गुरुद्वारा को इतने क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा 
गुरुद्वारा को सात क्विंटल ताजे फूलों से सजाया जाएगा. आपको मालूम हो कि हेमकुंड साहिब समुद्र तल से 15000 फिट की ऊंचाई पर स्थित है. हर साल मई से अक्टूबर तक यह श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है. इस दौरान यहां आस्था की बयार बहती है. 

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भारतीय सेना की मेहनत लाई रंग
भारतीय सेना के सिख रेजिमेंट के जवानों ने दिन-रात की कड़ी मशक्कत के बाद हेमकुंड साहिब तक के मार्ग को समय रहते तैयार कर दिया है. जवानों ने बर्फ की मोटी चादर को काटकर पैदल आने जाने लायक रास्ता बना दिया है. अटल कोठी ग्लेशियर से शुरू होने वाला सबसे मुश्किल रास्ता भी तैयार कर लिया गया है. हालांकि मौसम लगातार चुनौतियां पेश कर रहा है, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने कठिन परिस्थितियों में भी रास्ता बनाने का काम पूरा कर लिया है. अब श्रद्धालुओं के लिए यहां पहुंचना काफी आसान हो गया है.

लंगर से लेकर दवाई तक का इंतजाम
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन की टीम ने गुरुद्वारा का निरीक्षण कर यात्रा व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट होने की पुष्टि की है. गोविंदघाट, घांघरिया और हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा को सजाने का काम शुरू हो चुका है. श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है और लंगर, दवाई जैसे जरूरी सामानों का इंतजाम किया गया है.