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600 साल पुराना है झांसी का मढ़िया महादेव मंदिर का इतिहास,रानी लक्ष्मीबाई करती थीं जलाभिषेक

उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित मढ़िया महादेव मंदिर सिर्फ आस्था का नहीं, बल्कि इतिहास और विरासत का भी प्रतीक है. लगभग 600 साल पुराना यह मंदिर महाशिवरात्रि और सावन में लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है.

Madhiya Mahadev temple Madhiya Mahadev temple
हाइलाइट्स
  • सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ यहां आए थे दर्शन करने

  • सावन और महाशिवरात्रि में दूर-दूर से जल चढ़ाने जाते हैं भक्त

उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित मढ़िया महादेव मंदिर ना सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है. करीब 600 साल पुराना यह मंदिर अपने चमत्कारी और ऐतिहासिक घटनाओं की वजह से खास महत्व रखता है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां श्रद्धा और सच्चे मन से मांगी गई मुरादें अवश्य पूरी होती हैं.

शिवभक्तों के लिए प्रमुख तीर्थ
हर साल महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां हजारों भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. खासकर सोमवार के दिन यहां विशेष भीड़ उमड़ती है. श्रद्धालु रुद्राभिषेक, शिव श्रृंगार और पूजा-पाठ कर भोलेनाथ से अपने कष्टों के निवारण की कामना करते हैं.

रानी लक्ष्मीबाई करती थीं जलाभिषेक
मंदिर से जुड़ा एक रोचक इतिहास यह भी है कि 1857 की क्रांति के समय जब अंग्रेजों और रानी लक्ष्मीबाई के बीच युद्ध चल रहा था, तब रानी नियमित रूप से इस मंदिर में पूजा और जलाभिषेक करने आती थीं. युद्ध के दौरान अंग्रेजों की तोपों के गोलों के निशान आज भी मंदिर परिसर में देखे जा सकते हैं.

नागा साधुओं से लेकर मराठों तक जुड़ा है इतिहास
मंदिर के पुजारी रामेश्वर प्रसाद उपाध्याय बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 14वीं से 16वीं सदी के बीच नागा साधुओं द्वारा कराया गया था. उस समय झांसी की सुरक्षा नागा साधुओं के जिम्मे थी. बाद में यह मंदिर गोसाईं संतों, टीकमगढ़ के राजाओं, और फिर मराठा शासकों के अधीन रहा.

पुजारी के अनुसार, यहां पहले 27 मंदिरों का समूह था, जिनमें अब केवल 17 मंदिर बचे हैं. मंढ़िया महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग भी 13वीं-14वीं सदी का है.

योगी आदित्यनाथ भी रहे हैं इस मंदिर से जुड़े
एक दिलचस्प किस्सा यह भी है कि जब सीएम योगी आदित्यनाथ झांसी से सांसद थे, तब समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान वह इस मंदिर में दर्शन के लिए आए थे, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में जब वह मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने यहां आकर विधिवत जलाभिषेक किया.

श्रद्धालु हर्ष कुमार का कहना है, 'यहां रुद्राभिषेक करने से एक अलग ही ऊर्जा मिलती है. ऐसा लगता है जैसे सारी नकारात्मकता दूर हो गई हो.' वहीं पूजा कर रहीं महिला भगवती ने बताया कि 'हम पिछले कई वर्षों से यहां आ रहे हैं. भोलेनाथ से जो भी मांगा, वो जरूर मिला.'

-प्रमोद कुमार की रिपोर्ट