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काशी विश्वनाथ धाम बना देश का पहला प्लास्टिक मुक्त मंदिर, अब ऐसी चीजें मंदिर में नहीं ले जा सकेंगे भक्त

काशी विश्वनाथ मंदिर अब आधिकारिक रूप से प्लास्टिक मुक्त हो गया है. मंदिर प्रशासन ने 11 अगस्त 2025 से इस फैसले को लागू कर दिया है, जिसके तहत अब श्रद्धालु प्लास्टिक की किसी भी वस्तु के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे.

काशी विश्वनाथ धाम काशी विश्वनाथ धाम
हाइलाइट्स
  • पर्यावरण संरक्षण की ओर ऐतिहासिक कदम

  • अब प्लास्टिक की डलिया, लोटा और डिब्बे होंगे प्रतिबंधित

काशी विश्वनाथ मंदिर अब आधिकारिक रूप से प्लास्टिक मुक्त हो गया है. मंदिर प्रशासन ने 11 अगस्त 2025 से इस फैसले को लागू कर दिया है, जिसके तहत अब श्रद्धालु प्लास्टिक की किसी भी वस्तु के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे.

अब प्लास्टिक की डलिया, लोटा और डिब्बे होंगे बैन
नए नियमों के तहत मंदिर परिसर में प्लास्टिक की डलियों में फूल-माला, प्लास्टिक के लोटे में जल या दूध और प्रसाद के प्लास्टिक डिब्बों को ले जाना पूरी तरह वर्जित है. इनकी जगह अब बांस की टोकरी, स्टील के लोटे और कागज या दफ्ती के डिब्बों का इस्तेमाल श्रद्धालु कर पाएंगे.

श्रावण से पहले हुई थी शुरुआत, अब दिखा असर
ध्यान देने वाली बात यह है कि श्रावण मास के दौरान ही मंदिर न्यास ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर इस दिशा में पहल कर दी थी. इसके बाद एक महीने तक लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें दुकानदारों, श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को इस मुहिम से जोड़ा गया.

बांस की टोकरी और स्टील के लोटे बांटे गए
मंदिर परिसर में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में दुकानदारों को बांस की टोकरी और स्टील के लोटे वितरित किए गए. सभी को पारंपरिक और पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों के उपयोग के लिए प्रेरित किया गया. यह पहल नगर निगम, वाराणसी के सहयोग से चलाई जा रही है.

अधिकारियों ने चलाया विशेष अभियान
मंदिर परिसर में अधिकारियों द्वारा एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें श्रद्धालुओं को प्लास्टिक मुक्त धाम के नियमों की जानकारी दी गई. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने स्पष्ट किया कि अब मंदिर परिसर में प्लास्टिक सामग्री के साथ प्रवेश पूर्णतः वर्जित रहेगा. यह फैसला जहां पर्यावरण के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है, वहीं श्रद्धालुओं और दुकानदारों ने भी इसका खुले दिल से स्वागत किया है. 

स्वच्छ भारत मिशन की ओर कदम
इस मुहिम का मकसद सिर्फ मंदिर को प्लास्टिक मुक्त बनाना नहीं है, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाना और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है. मंदिर न्यास की अपील है कि सभी श्रद्धालु, दुकानदार और काशीवासी इस पहल में सहयोग दें.