
उत्तराखंड में मानसून का कहर एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत बनकर सामने आया है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के चलते केदारनाथ यात्रा को दो से तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है. सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग और पैदल यात्रा मार्ग दोनों ही भारी क्षति के शिकार हो चुके हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है.
क्या है मौजूदा स्थिति?
रुद्रप्रयाग जिले में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश के कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाने वाले मोटरमार्ग का लगभग 70 से 80 मीटर हिस्सा पूरी तरह वॉश आउट हो गया है. यह स्थान गौरीकुंड से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले पड़ता है.
इसके अलावा, पैदल यात्रा मार्ग पर भी लगातार भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा पर फिलहाल पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.
यात्रियों को कैसे किया जा रहा है रेस्क्यू?
जो यात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर वापस गौरीकुंड लौटे थे, उन्हें जंगलों के रास्ते वैकल्पिक पैदल ट्रैक के ज़रिए सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया जा रहा है.
वहीं सोनप्रयाग में रुके हुए तीर्थयात्रियों को प्रशासन द्वारा सलाह दी जा रही है कि वे फिलहाल अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करें और जब तक मौसम सामान्य न हो, केदारनाथ यात्रा स्थगित रखें.
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग का बयान
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने बताया कि सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग का एक बड़ा हिस्सा मुंकटिया क्षेत्र में बह गया है. ना मोटरमार्ग बचा है, ना ही वैकल्पिक पैदल मार्ग सुरक्षित हैं. यात्रा मार्ग को बहाल करने में कम से कम दो से तीन दिन का समय लग सकता है. इसलिए प्रशासन ने फैसला लिया है कि फिलहाल यात्रा स्थगित की जाए ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके.
प्रशासन की अपील
रुद्रप्रयाग प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें.
साथ ही उन्हें यह भी सलाह दी गई है कि वे मौसम अपडेट और यात्रा की स्थिति जानने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन से संपर्क करें.
(प्रवीण सेमवाल की रिपोर्ट)