Chaitra Purnima (photo-gettyimages) 
 Chaitra Purnima (photo-gettyimages) Chaitra Purnima Vrat: चैत्र पूर्णिमा के दिन को मां लक्ष्मी को समर्पित किया गया है. मान्यता के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा की जाती है. इस दिन पूरे विधि-विधान और श्रद्धा भाव के साथ इनकी पूजा करने से आपकी सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत रखना, गंगा स्नान करना और माता लश्र्मी की पूजा का महत्व होता है. आइये जानते हैं कि चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि और व्रत का महत्व क्या है.
चैत्र पूर्णिमा व्रत का महत्व
हर महीने पूर्णिमा होती है, इस दिन भगवान सत्यनारायण का व्रत रखा जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और व्रत को रात में चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही खोला जाता है. इस दिन देवपूजन, दान-पुण्य, तीर्थ- स्नान करने से अच्छा फल मिलता है. वहीं, जब चैत्र पूर्णिमा पर चित्रा नक्षत्र का प्रभाव होता है तो इस समय दान करना बहुत उचित माना जाता है, जिसका पूर्ण लाभ भी मिलता है. कहा जाता है कि इस दिन दान करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है. वहीं, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान से करने पर दोनों की कृपा प्राप्त होती है. 
चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा की तिथि का आरम्भ 23 अप्रैल को सुबह 03:25 मिनट से होगी. वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी  24 अप्रैल को सुबह 05:18 मिनट पर होगा. सनातन धर्म में उदया तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में चैत्र पूर्णिमा को 23 अप्रैल को मनाया जाएगा. चैत्र पूर्णिमा के पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं, चंद्रमा के उदय और पूजा का समय समय शाम 06 बजकर 25 मिनट के बाद से है. 
चैत्र पूर्णिमा पूजा-विधि
चैत्र पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व
इस दिन गंगा स्नान और दान करने का खास महत्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते है. जिसकी वजह से इस दिन गंगा स्नान करने से साधक को पूर्ण फल मिलता है. वहीं, इस दिन चंद्र देव और माता लक्ष्मी के पूजन और व्रत करने का विधान है. जिससे धन-वैभव में उन्नति होती है. इसलिए चैत्र पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व है. 
चैत्र पूर्णिमा के दिन इन चीजों का करें दान