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Mantra Jaap: क्या हैं मंत्र... ये कैसे करते हैं काम... जीवन पर क्या पड़ता है प्रभाव... जानें क्या है जाप करने का नियम? 

Mantra: मंत्र कुछ विशेष प्रकार के शब्दों की एक संरचना है. इनका विधि पूर्वक जाप करने से सृष्टी की समस्त उपलब्धियां प्राप्त की जा सकती हैं. यहां तक कि सिद्ध मंत्रों के जाप से मुक्ति और मोक्ष तक प्राप्त किया जा सकता है.

Mantra Jaap Mantra Jaap

हिंदू धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व है. मंत्रों में अपार शक्ति होती है. मंत्र कुछ विशेष प्रकार के शब्दों की एक संरचना है. इनका विधि पूर्वक जाप करने से सृष्टी की समस्त उपलब्धियां प्राप्त की जा सकती हैं. यहां तक कि सिद्ध मंत्रों के जाप से मुक्ति और मोक्ष तक प्राप्त किया जा सकता है. 

दो शब्दों के ही होते हैं मंत्र
मंत्र वास्तव में दो शब्दों के ही होते हैं, जिनका श्वास-प्रश्वास पर जाप किया जाता है. बाकी जिनको हम मंत्र समझते हैं, वो या तो ऋचाएं हैं या श्लोक. बीज मंत्र के साथ प्रयोग करने पर ऋचाएं और श्लोक भी पर्याप्त लाभकारी होते हैं. मंत्र दो तरह के होते हैं. एक मंत्र वो हैं जिनको कोई भी जप सकता है और दूसरे वे जो केवल व्यक्ति विशेष के लिए होते हैं. 

मंत्र कैसे करते हैं काम 
हर शब्द के अंदर एक रंग और विशेष तरंग होती है. इसी प्रकार से हर व्यक्ति की भी रंग और तरंग होती है, जब ये शब्द सही तरीके से व्यक्ति के रंग और तरंग से मेल खा जाते हैं तो काम करना शुरू कर देते हैं. सबसे पहले मंत्र शरीर पर, फिर मन पर और तब आत्मा पर असर डालते हैं. इनका असर शरीर में स्थित चक्रों के माध्यम से होता है. हमेशा अपने मनोदशा और तत्वों को देखकर ही मंत्रों का चुनाव किया जाना चाहिए. कभी भी किसी मंत्र का प्रयोग किसी बुरे भावना से नहीं करना चाहिए अन्यथा क्रिया के बाद प्रतिक्रिया का नियम स्वयं को ही बुरी तरह से नुकसान करेगा. सभी मंत्रों की साधना के ढंग अलग-अलग हैं और उनसे मिलने वाले फल भी अलग-अलग होते हैं. 

क्या है मंत्रों के जाप का नियम 
मंत्र जाप के लिए स्थान, समय और आसन एक ही होना चाहिए. इसकी शुरुआत किसी भी पूर्णिमा या अमावस्या से करनी चाहिए. आसन सफेद या काले रंग का होना उत्तम होता है. वैसे विशेष उद्देश्य के लिए विशेष आसन का प्रयोग कर सकते हैं. आसन जमीन से थोड़ा ऊंचा हो तो बहुत उत्तम होगा. मंत्र जप करते समय रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें. जाप के लिए चंदन या रुद्राक्ष की माला प्रयोग करें. अंगुलियों से भी मंत्र जाप कर सकते हैं. मंत्र जाप के बाद कम से कम 10 मिनट तक जल स्पर्श न करें.

मंत्र जाप किसी भी अवस्था में किया जा सकता है, केवल शरीर का स्वच्छ रहना जरूरी है. मंत्रों का पूरा लाभ उठाने के लिए आवश्यक है कि उसे पूरी तरह व सही मायने में जाना जाए. उसके लिए जानने-समझने वाले समर्थ गुरु से दीक्षा सहित मंत्र की जानकारी हासिल करना आवश्यक है. सच्चे गुरु के बिना मंत्रों का सही उच्चारण, लय व जप-विधि के बारे में कुछ भी जानना मुश्किल है. गुरु द्वारा बताए मंत्रों का सही तरीके से नियमपूर्वक व श्रद्धा से जप किया जाए तो उनसे अवश्य लाभ मिलता है.