
मुंबई सहित देशभर में अब पूजा-पाठ का तरीका बिल्कुल बदल चुका है. अब पूजा सिर्फ मंदिर और यज्ञशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि स्मार्टफोन और वीडियो कॉल पर भी बेहतर तरीके से हो रही है. फिर चाहे आप मुंबई में हो, दिल्ली में हो या विदेश, अब आप व्हाट्सअप वीडियो कॉल पर गृहप्रवेश, नामकरण, मुंडन या पितृपक्ष की पूजा घर बैठे ही करवा सकते हैं. जी हां, अब पंडित आपके मोबाइल पर मंत्र भेजते हैं और पूजा वीडियो कॉल पर लाइव करते हैं. दरअसल समय की कमी के चलते और विभिन्न कारणों की वजह से यजमान पंडित तक नहीं पहुंच पाते. जिसकी वजह से पंडित मंदिर में बैठे ही, वीडियो कॉल पर पूजा हवन करा देते हैं. और तो और यजमान लाइव आशीर्वाद देकर अपनी दक्षिणा भी ऑनलाइन ही ले लेते हैं.
परंपरा से जुड़ने का तरीका-
कोविड महामारी के बाद डिजिटल पूजा सेवाओं में बड़ी तेजी वृद्धि हुई है, जबकि ज्योतिषाचार्य पंडित आशीष कुमार तिवारी की माने तो ये प्रथा राजा-महाराजाओं के दौर से चली आ रही है. प्रवासी भारतीयों के लिए ये तरीका परंपरा से जुड़े रहने का जरिया बन रहा है. खुद पंडित आशीष कुमार तिवारी ने भी ऑनलाइन पूजा की शुरुआत विदेश में रहने वाले एक यजमान से की थीं.
कैसे तय होती पूजा की कीमत?
अगर बात ऑनलाइन पूजा बुकिंग के कीमत की करें तो पंडित के अनुसार ये यजमान की आर्थिक कमाई पर डिपेंड है. वे अपने बजट के हिसाब से पैसे देते हैं और कई बार कीमत इस बात पर टिकी होती है कि पूजा कौन सी है? कितना समय लगेगा ? और कितने पंडितों को लेकर पूजा करानी है.
पूजा के लिए सप्लाई चेन काम करती है-
पहले पूजा की सामग्री यजमान को ही लानी होती थी. लेकिन ऑनलाइन पूजा की वजह से ये जिम्मेदारी अब पंडितों की होती है. वैसे हर डिजिटल पूजा के पीछे एक पूरी लोकल सप्लाई चेन पहले से होती है. फूलवाले, सामग्री विक्रेता, पैकिंग एजेंट और डिलीवरी कर्मचारी सभी ऑनलाइन पूजा विधि के लिये काम करते हैं.
पंडित माने तो ऑनलाइन पूजा से न केवल यजमान को संतुष्टि मिल रही है, बल्कि पंडितों का भी बढ़िया चल रहा है. एक आंकड़े के मुताबिक मुंबई में अब 60% लोग ऑनलाइन पूजा ही करा रहे हैं.
(धर्मेंद्र दुबे की रिपोर्ट)
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