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Munger: कैदी बम से लेकर केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की तर्ज पर कांवड़... बाबा के दरबार में पहुंचे रहे अनोखे भक्त

सावन का महीना चल रहा है. भक्त बाबा के दरबार में माथा टेकने के लिए निकल पड़े हैं. मुंगेर से केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की तर्ज पर कांवड़ लेकर भक्त चल पड़े हैं. इसके साथ ही एक 'कैदी बम' भी सुर्खियों में हैं, जिन्होंने खुद को जंजीरों में जकड़ लिया है.

Kedarnath Jyotirling Kanwar and Kaidi Bam Kedarnath Jyotirling Kanwar and Kaidi Bam

मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ पर भक्तों का हुजूम उमड़ने लगा है. देशभर के विभिन्न राज्यों से भक्त सुल्तानगंज गंगा घाट से जल भरकर पैदल 105 किलोमीटर दूर झारखंड के देवघर देवाधिदेव महादेव को जलाभिषेक करने जा रहे हैं. भक्त बड़े-बड़े और विशाल कांवड़ लेकर निकल पड़े हैं. पूरा कांवरिया पथ भगवामय हो गया है. भक्त बिना थके बिना रुके बोल बम के नारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की तर्ज पर कांवड़-
झारखंड के चाईबासा से कांवरियों का एक जत्था कई सालों से आ रहे हैं. हर साल कुछ अलग तरीके के विशाल कांवड़ लेके जाते हैं और पिछले साल पशुपति नाथ और रामेश्वर का विशाल कांवड़ लेके गए थे. इस बार प्रसिद्ध केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के तर्ज पर कांवड़ लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम जा रहे हैं. 
इस बार इन शिव भक्तों की खास यात्रा ये है कि ये लोग महादेव के 16 फिट की आकर्षक प्रतिमा का कांवड़ लेकर जा रहे हैं. जिसमें शिवलिंग पर चमकीला एलईडी बल्ब लगा हुआ है और इस प्रतिमा का वजन 250 किलोग्राम से ज्यादा है. इसे बनाने में 40 से 45 दिन लगे और इसे दो साथी बम चाल और संतोष करवा मिलकर बनाए है. जिसे एक बार में चार शिव भक्त अपने हाथों से खींचते हुए लेकर जा रहे हैं.

भक्तों की टोली में 16 लोग-
झारखंड के बम अमन साव ने Gnttv.com को बताया कि हम भक्तों की टोली में कुल 13 लोगों जत्था है, जो 6 सालों से जा रहे हैं. यह सभी झारखंड के चाईबासा के रहने वाले हैं. यह लोग नीलकंठ समिति के बैनर तले सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर 105 किलोमीटर की पक्की सड़क यात्रा पैदल कर बाबा धाम पहुंचेंगे. उन्होंने बताया कि आज हम लोग सोमवार को सुल्तानगंज उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरे है और शुक्रवार को बाबा बैद्यनाथ में जलअर्पित करेंगे.

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51 लीटर गंगाजल लेकर निकले विराट-
शिवभक्त विराट झारखंड के गिरिडीह जिले के सरिया गांव के रहने वाले हैं. इन्होंने देश-दुनिया में सनातन धर्म को बढ़ावा और हिंदू एकता के लिए अपने कंधे पर 51 लीटर गंगा जल लेकर अपने घर से 350 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे हैं. बता दें कि शिव भक्त विराट 20 जून को इस यात्रा पर निकले हैं, जो अपने जिले के उत्तर वाहिनी गंगा तट से जल लेकर सुल्तानगंज के बाबा अजगैबीनाथ धाम पहुंच कर भोलेनाथ को जलाभिषेक करेंगे. उसके बाद सुल्तानगंज की गंगा तट से 51 लीटर जल लेकर बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के लिए यात्रा प्रारंभ करेंगे.

शिव भक्त विराट ने बताया कि यह यात्रा अपनी कोई व्यक्तिगत मनोकामना लेकर नहीं जा रहा, बल्कि विश्व भर के सनातनियों को एक करने की मनोकामना लेकर जा रहा हूं. मैंने अपनी यात्रा अपने निवास स्थान के रजदा धाम मंदिर से प्रारंभ की है. उन्होंने कहा मुझे सनातनी होने का गर्व है, लेकिन आज लोग जात पात में बंट रहे हैं, वो ना बंटे और सभी एकजुटता होकर चलें. उन्होंने कहा कि इसके पहले इसी उद्देश्य को लेकर मैंने 8500 किलोमीटर का पैदल यात्रा किया था. जिसमें काशी विश्वनाथ, विंध्याचल, मैहर, उज्जैन महाकालेश्वर, अयोध्या, कटरा हनुमान जी, हरिद्वार, केदारनाथ और भी कई तीर्थ स्थल पर गया था. जिसे पूरा करने में मुझे 201 दिन लगे थे. अभी मैं इस यात्रा को 25 दिन पूरा कर चुका हूं. उन्होंने कहा कि मेरी अपनी कोई मन्नत नहीं है, बस मैं चाहता हूं कि सनातन धर्म में एक जुटता रहे.

बिहार का कैदी बम- 
बिहार के जहानाबाद निवासी शंभू कुमार ने खुद को हाथ, पैर, कमर और गर्दन में जंजीरों से जकड़ लिया और कैदी बम के रूप में बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए पदयात्रा शुरू की. शंभू कुमार ने बताया कि उन्हें सपने में बाबा भोलेनाथ के दर्शन हुए, जिसमें बाबा ने कहा कि उनसे कोई गुनाह हुआ है और उसका प्रायश्चित उन्हें कैदी बनकर करना होगा. उसी सपने को आदेश मानते हुए शंभू ने इस वर्ष खुद को जंजीरों से बाँध लिया और बाबा की शरण में निकल पड़े. बीते 20 वर्षों से नियमित रूप से कांवड़ यात्रा कर रहे शंभू की इस अनोखी श्रद्धा को देख राह चलते श्रद्धालु भावविभोर हो उठे. हर किसी की जुबान पर एक ही नारा था, हर हर महादेव!

वहीं, कच्ची कांवरिया पथ पर अलग अलग पहचान के साथ अद्भुत और आकर्षक रूपसज्जा के साथ भोले के भक्त जलाभिषेक करने बाबा के दरबार की ओर रवाना हो रहे हैं. जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा , पानी , शौचालय और ठहरने की मुक्कलम व्यवस्था की गई है. जगह-जगह मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं, ताकि बाबा के भक्तों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो.

(गोविंद कुमार की रिपोर्ट)

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