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आखिर क्यों लगता है Nautapa, जानिए क्या है भगवान Surya से इसका संबंध

हिंदू कैलेंडर के अनुसार महीना ज्येष्ठ का चल रहा है. इस महीने में भगवान सूर्य की तपिश सबसे ज्यादा होती है. लेकिन 25 मई से नौतपा लगा रहा है यानी साल का सबसे गर्म दिन. जब सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं और गर्मी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है.

25 मई को भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में पहुंचेंगे 25 मई को भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में पहुंचेंगे
हाइलाइट्स
  • 25 मई से लग रहा है नौतपा

  • सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ेंगी

25 मई से नौतपा लगने वाला है. ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है कि नौतपे में ही साल का सबसे ज्यादा गर्म दिन होता है. वैसे भगवान सूर्य हर महीने अपनी राशि बदलते हैं. ऐसे में मान्यता है कि जब भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में पहुंचते हैं तब नौतपा लगता है.

  • 25 मई से लग रहा है नौतपा
  • 25 मई से 8 जून तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे सूर्य
  • 25 मई से 2 जून तक रहेगा नौतपा
  • सूर्यदेव 25 मई को 8.16 बजे रोहणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे
  • 8 जून सुबह 6.40 बजे रोहिणी नक्षत्र से बाहर आएंगे

रोहणी नक्षत्र में सूर्यदेव 15 दिनों तक गोचर करेंगे. लेकिन मान्यता है कि इन 15 दिनों के शुरुआती 9 दिनों में काफी ज्यादा गर्मी होती है. इन 9 दिनों में से भी शुरुआती 6 दिन में तापमान काफी ज्यादा होता है जबकि अंतिम 3 दिन आंधी, तूफान और तेज हवाएं चलती हैं. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि नौतपा जितना ज्यादा तपता है, मॉनसून उतना अच्छा आता है.

कैसे करें सूर्य आराधना-
गरुड़, पद्म और स्कंद पुराण के साथ ही मान्यता और परंपराओं के अनुसार इन दिनों में किया गया दान करना शुभ माना गया है. नौतपा में दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. नौतपा में सूर्य आराधना इस तरह से करना चाहिए.

  • सुबह सूर्योदय के समय उठ जाना चाहिए
  • स्नान के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए
  • जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्रों का जप करना चाहिए
  • अर्घ्य के समय सूर्य को सीधे नहीं देखना चाहिए
  • अर्घ्य के जल की धार से सूर्य दर्शन करना चाहिए

नौतपा में गर्मी का पारा 45 से 50 डिग्री तक पहुंच जाता है. इसीलिए नौतपा के समय शिवलिंग पर, श्रीकृष्ण और विष्णु जी को ठंडा जल चढ़ाना चाहिए. भगवान को चंदन चढ़ाएं. साथ ही बाल गोपाल और विष्णु जी को चंदन का लेप करने की भी परंपरा देखी जाती है.

नौतपा में दान का फायदा-
नौतपा ज्येष्ठ महीने के शक्ल पक्ष में पड़ता है. इसीलिए इस दौरान किया गया दान साल भर अनजाने में होने वाले पाप को काट देता है. तो आइए अब आपको बताते हैं कि नौतपे में किया गया कौन सा दान आपके जीवन में खोल देता है आनंद और मोक्ष के द्वार.

  • नौतपा में शीतल यानी ठंडक देने वाली चीजें दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है
  • सत्तू, पानी का घड़ा, पंखे का दान सर्वोत्तम माना गया है
  • आटे से भगवान ब्रह्मा की मूर्ति बनाकर पूजा करने का भी विधान बताया गया है
  • इस अवधि में जरूरतमंद लोगों को ठंडी चीजें दान करने से ब्रह्माजी प्रसन्न होते हैं
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नौतपा में जल का दान करना शुभ होता है

नौतपा और समसप्तक योग-

नौतपा में गर्मी के बढ़ जाने से शरीर में पानी की कमी का खतरा भी रहता है. इन दिनों ठंडक देनी वाली चीजों जैसे दही, नारियल का भी दान जरूरतमंद लोगों को करना चाहिए. इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है. इस बार का नौतपा सम सप्तक योग भी बना रहा है. इसीलिए ज्योतिष के आचार्य मानते हैं कि इस दौरान धरती खूब तपेगी.

  • 25 से 30 मई तक रहेगा सम सप्तक योग
  • सूर्य,मंगल, बुध का शनि से बनेगा समसप्तक योग
  • 30 मई को गुरु शुक्र योग बन रहा है
  • जो गर्मी के साथ साथ बादल का कारक है
  • 22 जून को आर्द्रा नक्षत्रका प्रवेश हो रहा है
  • जो मॉनसून में अच्छी बारिश के संकेत दे रहा है

क्यों तपता है नौतपा-
नौतपा का ज्योतिष के साथ-साथ पौराणिक महत्व भी है. ज्योतिष के सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में नौतपा का वर्णन आता है. कहते हैं जब से ज्योतिष की रचना हुई, तभी से ही नौतपा भी चला आ रहा है. सनातन संस्कृति में सदियों से सूर्य को देवता के रूप में भी पूजा जाता रहा है. लोक मान्यता है कि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश होती है. इस बार शनिदेव के वक्री रहने से तापमान बढ़ने के संकेत है. चलिए आपको बताते हैं कि नौतपा क्यों तपता है. 

  • सूर्य किरणें सीधे धरती पर पड़ती है
  • मैदानी इलाकों का तापमान बढ़ता जाता है
  • जिससे मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है
  • समुद्रों में भी बढे तापमान से वाष्पीकरण तेज हो जाता है
  • वाष्पीकरण तेजी से बादल बनाते हैं
  • पानी से युक्त बादलों के नीचे आने से बारिश होती है

नौतपा में सावधानी जरूरी-
ज्योतिष में सूर्य की इस स्थिति के कारण अशुभ संकेत मिलते हैं. इस दौरान देश के कुछ हिस्सों में दैवीय आपदाएं आ सकती हैं. अब आप ये भी जान लीजिए कि नौतपे में आपको कौन कौन से काम करने हैं और कौन से नहीं करने हैं. 

  • नौतपे में आंधी चलने की संभावना होती है, इसलिए शादी,मुंडन जैसे मांगलिक कार्य न करें
  • प्रचंड गर्मी की वजह से घर बाहर यात्रा कम करें
  • मसालेदार भोजन,गरिष्ठ भोजन और मांसाहार कम करें
  • गर्मी की वजह से अपच हो सकती है
  • नौ दिन हल्का और सुपाच्य भोजन ही करें
  • पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें
  • छत पर पक्षियों के लिए अन्न और पानी की व्यवस्था करें
  • घर के बाहर घड़े में पीने का पानी रखें
  • ज्येष्ठ में जल दान करने से पुण्य मिलता है
  • पेड़ पौधों को उचित जल दें
  • वृक्षों की सेवा से ग्रहदोष दूर होते हैं

 
मॉनसून और ग्रहों के संकेत-
नौतपे में बारिश को अशुभ माना जाता है. क्योंकि ऐसा होने से तापमान घटता है और मॉनसून कमजोर पड़ जाता है. नौतपे से पहले ही देश के कई इलाकों में बारिश हो चुकी है. लेकिन ग्रहों के संकेत बता रहे हैं कि इस बार मॉनसून जल्दी आएगा और अच्छा रहेगा.

  • सूर्य, मंगल,बुध शनि सम सप्तक योग बना रहे हैं
  • एक हिस्से में भीषण गर्मी और एक हिस्से में बाढ के संकेत
  • चंद्रमा के जल राशि में होने से बारिश अच्छी होगी
  • इस बार 90 फीसद मॉनसून के आसार हैं

तो नौतपे के 9 दिनों में गर्मी से खुद का खयाल रखें. बाहर निकलते समय पानी का विशेष ध्यान रखें. हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें और भगवान सूर्य का मन से ध्यान करते रहें.

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