Maa Katyayani (Photo: https://maavaishno.org/)
Maa Katyayani (Photo: https://maavaishno.org/) इस समय पूरे देश में शरदीय नवरात्रि की धूम है. नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा के एक स्वरूप की पूजा होती है. मां दुर्गा का दुर्गा का छठा अवतार है मां कात्यायनी, जिनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है. मां कात्यायनी की पूजा करने से रोग, शोक, संताप व भय से मुक्ति मिल जाती है.
कौन हैं मां कात्यायनी
हिंदु शास्त्रों के अनुसार, ऋषि कात्यायन ने जगजननी मां दुर्गा को अपनी पुत्री के रूप में पाने के लिए तपस्या की थी. ऋषि के घर जब मां ने जन्म लिया तो उन्होंने ही सबसे पहले मां की पूजा की. इसलिए मां दुर्गा को कात्यायनी के नाम से जाना गया. मां कात्यायनी का ब्रज धाम में भी अत्यंत महत्व है. आज भी ब्रज मंडल में मां कात्यायनी को कृष्ण पूजन से पहले पूजा जाता है.
यहां सभी गोपियों ने भगवान कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए जमुना नदी के तट पर मां कात्यायनी की पूजा की. मां कात्यायनी की तीन आंखें और चार हाथ हैं. एक बाएं हाथ में शस्त्र और दूसरे में कमल है और वह सिंह पर सवार हैं.
नवरात्रि के छठे दिन की पूजा विधि
नवरात्रि में सुबह जल्दी उठकर देवी कात्यायनी का ध्यान करें और स्नान करके मंदिर में मां की पूजा करें. सबसे पहले मां का तिलक करके, उन्हें अक्षत, गुड़हल या लाल रंग का फूल अर्पित करें. फिर मां की आरती करें और मां को शहद और पान का भोग लगाएं.
मां कात्यायनी के मंत्र