
नवरात्रि व्रत का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि इसका वैज्ञानिक आधार भी है. व्रत करने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है.
व्रत से इम्युनिटी बूस्ट होती है- कनिका खन्ना
न्यूट्रिशनिस्ट कनिका खन्ना ने बताया कि नवरात्रि के दौरान व्रत करने से शरीर को आराम मिलता है. उन्होंने कहा कि ऋतु परिवर्तन के समय शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है. व्रत से शरीर के अंगों को रेस्ट मिलता है, जिससे सेल्स रिपेयर और नई सेल्स की जेनरेशन होती है. इसके अलावा, व्रत से हार्मोन रेगुलेशन और मेटाबोलिक हेल्थ में सुधार होता है.
आध्यात्मिक ऊर्जा और मानसिक शांति-
ज्योतिषाचार्य वाण्या आर्या ने आध्यात्मिक दृष्टिकोण से व्रत के लाभों को समझाया. उन्होंने बताया कि नवरात्रि के नौ दिनों में देवी की आराधना और मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति और सकारात्मकता आती है. यह समय स्पिरिचुअल डिसिप्लिन और क्लेन्सिंग का होता है. उन्होंने यह भी बताया कि देवी कवच, अर्गला स्रोत, और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है.
व्रत के नियम और शास्त्रों का दृष्टिकोण-
ज्योतिषाचार्य नंदिता पांडे ने व्रत के नियमों और शास्त्रों के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में व्रत के लिए लेनिएंसी दी गई है. बुजुर्ग, बीमार व्यक्ति, और बच्चों के लिए नियम सरल होते हैं. फलाहार करना उत्तम माना गया है. उन्होंने यह भी बताया कि कलश स्थापना करने वाले साधकों के लिए नियम अधिक कठिन होते हैं. उनका कहना है कि साधकों को शुद्धि का विशेष ध्यान रखना चाहिए. हल्का भोजन और अंतर शुद्धि आवश्यक है.
नवरात्रि व्रत का मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आज के तनावपूर्ण माहौल में, विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए, देवी शक्ति की आराधना मानसिक शांति और सकारात्मकता लाती है.
नवरात्रि व्रत न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी है. यह शरीर को डिटॉक्स करता है, इम्युनिटी बढ़ाता है, और मानसिक शांति प्रदान करता है. देवी की आराधना और व्रत के नियमों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है.
ये भी पढ़ें: