
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है. मां ब्रह्मचारिणी तप, संयम और ज्ञान की देवी हैं. उनकी उपासना से जीवन में मानसिक शांति, चंद्रमा की कमजोर स्थिति का समाधान और साधना में सफलता प्राप्त होती है. आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि और मां की महिमा.
मां ब्रह्मचारिणी की महिमा और पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. उनके दिव्य स्वरूप में दाहिने हाथ में जपमाला और बाएं हाथ में कमंडल होता है. ज्योतिष के अनुसार मां की उपासना से चंद्रमा की कमजोर स्थिति को सुधारा जा सकता है. भक्तों को सफेद पुष्प अर्पित करने, सफेद वस्त्र पहनने और 'ओम श्याम श्रीम श्रॉ सह चंद्रमसे नमः' मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है.
चंद्रमा की स्थिति सुधारने के उपाय
जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, उन्हें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए. सफेद वस्त्र, सफेद पुष्प और चांदी का अर्धचंद्र अर्पित करने से चंद्रमा की स्थिति सुधरती है. मानसिक तनाव, नींद की समस्या और भावुकता से जुड़ी परेशानियों का समाधान भी मां की कृपा से संभव है.
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग और प्रसाद
मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग अति प्रिय है. शक्कर का प्रसाद अर्पित करने से परिवार के सभी सदस्यों की उम्र बढ़ती है. विवाह में बाधा आने वाले भक्तों को मां की उपासना करने की सलाह दी जाती है. पत्नी मनोरमामदेही और महायोगी निधीश्वरी जैसे मंत्रों का जाप करने से विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है.
शक्तिपीठों की महिमा और मां कामाख्या
नवरात्रि के दौरान शक्तिपीठों के दर्शन का विशेष महत्व है. मां कामाख्या के मंदिर को तंत्र साधना का केंद्र माना गया है. यहां मां के निराकार स्वरूप की पूजा होती है. अंबुवाची पर्व के दौरान मां की शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन होता है. भक्तों को लाल वस्त्र प्रसाद के रूप में मिलता है, जिसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.
मां ब्रह्मचारिणी की साधना के लाभ
मां ब्रह्मचारिणी की साधना से जीवन में तप, संयम और सदाचार की वृद्धि होती है. उनके महामंत्र 'ओम दुम ब्रह्मचारिणी हिंग नमा' का 1,00,000 बार जाप करने से असंभव मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा से धन की बाधा दूर होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से जीवन में उन्नति
मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से जीवन में सत्वगुण की प्रधानता होती है. उनके आशीर्वाद से साधक के जीवन में तप, क्षमा, दान और दया जैसे गुण स्थापित होते हैं. मां की कृपा से जीवन की जटिल समस्याओं का समाधान और मन की शुद्धि संभव है. मां ब्रह्मचारिणी ने महादेव के लिए फूल-पत्ते खाकर हजारों साल तपस्या की थीं.
शक्तिपीठ के दर्शन का महत्व
नवरात्रि के दौरान शक्तिपीठों के दर्शन करने से भक्तों की सभी समस्याओं का अंत हो जाता है. मां कामाख्या के मंदिर में भक्तों को मोक्ष और जीवन का सार प्राप्त होता है. यहां मां के निराकार स्वरूप की पूजा होती है, जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है.
मां ब्रह्मचारिणी की साधना से जीवन में प्रकाश
मां ब्रह्मचारिणी की साधना से जीवन में अंधकार दूर होता है और प्रकाश का संचार होता है. उनकी कृपा से साधक के जीवन में योग और कर्म की साधना सफल होती है. मां की उपासना से जीवन में उन्नति के सोपान प्राप्त होते हैं. मां की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शक्ति के महापर्व में मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है.