Pongal Rangoli Design
Pongal Rangoli Design पोंगल दक्षिण भारत का और खासकर तमिल समुदाय का त्योहार है, जिसे फसल उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. इसे 14 जनवरी से 17 जनवरी के बीच मनाया जाएगा. पोंगल पर समृद्धि लाने के लिए सूर्य देव, इंद्रदेव और मवेशियों को पूजा जाता है.
कैसे मनाते हैं त्योहार?
पोंगल त्योहार के तीन दिनों को भोगी पोंगल, सूर्य पोंगल और मट्टू पोंगल कहा जाता है. कुछ लोग पोंगल के चौथे दिन को कानुम पोंगल के रूप में मनाते हैं. चार दिन तक मनाए जाने वाले इस त्योहार में पहले दिन कूड़ा-कचरा जलाते हैं, दूसरे दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, तीसरे दिन खेती में उपयोग होने वाले मवेशियों को पूजा जाता है और चौथे दिन काली जी की पूजा की जाती है. पोंगल को तमिल समुदाय में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. लोग त्योहार के दौरान अपने घर को सजाने के लिए मिट्टी के बर्तन, गन्ना, पत्ते, चावल के आटे से बनी रंगोली का उपयोग करते हैं.
चावल के आटे से बनाते हैं रंगोली
पोंगल उत्सव की शुरुआत बोगी से होती है. इस वर्ष बोघी 14 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन लोग अपने घरों की या तो साफ-सफाई करके या फिर रंग-रोगन कर उसकी मरम्मत करते हैं. इसके अलावा लोग चावल के आटे से पारंपरिक कोलम (रंगोली/अल्पना) बनाकर अपने घरों और आंगन को सजाते हैं. आज आपको पोंगल त्योहार पर आसानी से बनाई जा सकने वाली रंगोली के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप आसानी से बनाकर अपने घर की सुंदरता बढ़ा सकते हैं.