premanand maharaj
premanand maharaj ब्रज के प्रमुख संत प्रेमानंद जी महाराज आज कल ब्रज के सभी प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर पूजा अर्चना कर रहे हैं. उसी क्रम में प्रेमानंद जी महाराज भगवान गोवर्धन नाथ की नगरी गोवर्धन पहुंचे. उन्होंने गिरिराज गोवर्धन की पावन सप्तकोसीय परिक्रमा का शुभारंभ किया. इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ प्रेमानंद जी के दर्शन के लिए उमड़ी और पूरा इलाका राधे-राधे की गूंज के साथ आनंदमयी हो गया.
प्रेमानंद जी ने की सप्तकोसी परिक्रमा-
संत प्रेमानंद जी महाराज ब्रज के प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को वो गोवर्धन पहुंचे और वहां सबसे पहले उन्होंने भगवान गोवर्धन नाथ की पूजा की. उसके बाद प्रेमानंद जी महाराज 21 किमी की सप्तकोशीय परिक्रमा पर निकल पड़े. उनके भक्त और स्वयं प्रेमानंद जी यहां जिन रास्तों को गुजरे, उन रास्तों पर उनके अनुयायियों ने भजन-कीर्तन और राधे राधे के जयकारों से उनका अभिनंदन किया.
महाराज ने दानघाटी मंदिर के किए दर्शन-
परिक्रमा के दौरान जहां जहां से प्रेमानंद जी गुजरे. भक्त अभिभूत नजर आए. परिक्रमा के दौरान उन्होंने मुकुट मुखारविंद और दानघाटी मंदिर में गिरिराज जी के दर्शन किए. इसके बाद वे गीता वाटिका पहुंचे, जहां प्रेमानंद जी महाराज ने राधा बाबा की चरण पादुका के दर्शन कर आशीर्वाद लिया.
क्या है सप्तकोसी परिक्रमा-
दरअसल बृज में सप्तकोसी यानी सात कोस की पूरी परिक्रमा का बड़ा महत्व माना जाता है. ये परिक्रमा गोवर्धन पर्वत के चारों ओर घूमकर की जाती है. यह यात्रा मानसी गंगा कुंड से शुरू होती है और फिर से वहीं आकर पूरी होती है. रास्ते में राधा कुंड, श्याम कुंड, गोविंद कुंड, कुसुम सरोवर, दानघाटी मंदिर जैसे कई पवित्र स्थल आते हैं.
सप्तकोसी परिक्रमा 21 किलोमीटर की होती है. यह परिक्रमा गोवर्धन पर्वत के चारों तरफ घूमकर की जाती है. सप्तकोसी परिक्रमा को करने में करीब 6 से 8 घंटे का वक्त लगता है.
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