

सावन का महीना को श्रावण मास भी कहा जाता है. यह माह महादेव को काफी प्रिय है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहा जाता है. सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि सावन शिवरात्रि कहलाती है. इस दिन भोलेनाथ की पूजा निशिता काल में की जाती है. इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और शंकर भगवान की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन उपवास रखने और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि आ जाती है.
भगवान शिव का करें रुद्राभिषेक
सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी. इस बार भद्रा का साया रहने वाला है. भद्रा का साया सुबह 5 बजकर 37 मिनट से दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. भद्रा में पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. ऐसे में आप ब्रह्म मुहूर्त में महादेव को जलाभिषेक कर सकते हैं.ब्रह्म मुहूर्त 23 जुलाई को सुबह 4 बजकर 15 मिनट से सुबह 4 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इस दिन शिव भक्त गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी अभिषेक करते हैं. सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा रात्रि के चार प्रहरों में की जाती है.
23 जुलाई को सावन शिवरात्रि के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
1. ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 15 मिनट से सुबह 4 बजकर 56 मिनट तक.
2. निशिता काल पूजा समय: रात 12:07 बजे से रात 12:48 बजे तक
3. रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: शाम 7 बजकर 17 मिनट से रात 9 बजकर 53 मिनट तक.
4. रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: रात 9 बजकर 53 मिनट से रात 12 बजकर 28 मिनट तक.
5. रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: रात 12 बजकर 28 मिनट से प्रातः 3 बजकर 3 मिनट तक.
6. रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: प्रातः 3 बजकर 3 मिनट से सुबह 5 बजकर 38 मिनट तक.
सावन शिवरात्रि के दिन ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा
1. सावन शिवरात्रि के एक दिन पहले भोलेनाथ के भक्तों को सिर्फ एक समय ही भोजन ग्रहण करना चाहिए.
2. शिव पुराण के अनुसार सावन शिवरात्रि को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए.
3. स्नान, नित्य कर्म आदि करके शिव मंदिर में जाएं और शिव जी की पूजा करें.
4. शिवलिंग पर गंगाजल बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग अर्पित करें.
5. भगवान शिव को कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें.
6. महादेव के सामने घी या तेल का दीया जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें.
7. इसके बाद शिवजी की आरती करें और बाद में मंत्रों का जाप करें.
8. भगवान शिव के मंत्र ॐ नमः शिवाय, ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात, ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् और उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् का जाप करें.
9. पूजा होने के बाद प्रसाद का वितरण कर दें.संभव हो तो रात्रि जागरण करें.
10. सावन शिवरात्रि को रात में सभी पूजा सामग्री के साथ आप उस शिव मंदिर में जाएं, जहां पर शिवलिंग की प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार की गई है.
सावन शिवरात्रि व्रत पारण का समय: 24 जुलाई 2025 को प्रातः 05:27 मिनट से शुरू होगा.