scorecardresearch

Surya Puja: करियर को देना चाहते हैं उड़ान और जीवन में पाना चाहते हैं सफलता ? ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा

सूर्य और बुध की उपासना बेहद खास मानी गई है. सूर्य और बुध ग्रह दोनों की उपासना शिक्षा और ज्ञान का वरदान दे सकती है. कुंडली में सूर्य की स्थिति से ये साफ बताती है कि इंसान की शिक्षा कैसी होगी. चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि

Surya Bhagwan Surya Bhagwan
हाइलाइट्स
  • शिक्षा में सफलता के लिए सूर्य उपासना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है

सुबह की पहली किरण जिस तरह धरती का अंधकार दूर करती है. उसी तरह आपके जीवन को भी सूर्य उपासना प्रकाशमान कर सकती है.शिक्षा का वरदान पाने के लिए जितनी महत्वपूर्ण है सूर्य उपासना उतना ही फलदायी कुंडली में बुध की मजबूती मानी गई है. ज्योतिष में माना गया है कि शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पाने के लिए सूर्य उपासना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. सूर्य की उपासना करके इंसान अपने जीवन को सर्वोत्तम बना सकता है. जानकारों की मानें सूर्य व्यक्ति को शिक्षा ग्रहण करने योग्य भी बनाता है और बुध शिक्षा की दिशा को बताता है.

सूर्य और बुध देंगे शिक्षा का वरदान

सूर्य शिक्षा और ज्ञान का स्वाभाविक स्वामी है. कुंडली में यह शिक्षा की स्थिति को स्पष्ट करता है. सूर्य यह भी बताता है कि आप शिक्षा के प्रति कितने गंभीर हैं. सूर्य व्यक्ति को शिक्षा ग्रहण करने योग्य भी बनाता है. बुध शिक्षा की दिशा को बताता है. आप किस तरह की शिक्षा ग्रहण करेंगे, यह बुध की स्थिति से स्पष्ट होता है. बुद्ध से बुद्धि की प्रखरता आती है. गणित और आर्थिक मामलों में सफलता मिलती है. बिना बुध के बुद्धि का होना लगभग असंभव है. ये सब कुछ आपको मिल सकता है बस जरूरी है कुंडली में सूर्य और बुध का मजबूत होना. ज्योतिष के जानकारों का ये मानना है कि सूर्य और बुध ग्रह दोनों की उपासना शिक्षा और ज्ञान का वरदान दे सकती है. कुंडली में सूर्य की स्थिति से ये साफ बताती है कि इंसान की शिक्षा कैसी होगी. 

सम्बंधित ख़बरें

शिक्षा में सफलता के लिए करें ये उपाय

प्रातःकाल सूर्य को जल अर्पित करें. सूर्य के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करें. ज्यादा समस्या हो तो गायत्री मंत्र का जप करें. लकड़ी की मेज कुर्सी पढ़ने के लिए प्रयोग करें. सलाह लेकर एक माणिक्य या पन्ना धारण करें. पिता के चरण स्पर्श जरूर करें. 

सूर्य कृपा पाने के आसान और अचूक मंत्र 

ॐ सूर्याय नम:, ॐ भास्कराय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ मित्राय नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ खगय नम:, ॐ पुष्णे नम:, ॐ मारिचाये नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ सावित्रे नम:.  मंत्र जाप केवल अघ्य देते समय ही नहीं बल्कि अघ्य के बाद भी जरूरी होता है. अगर इन मंत्रों का जाप उगते हुए मधुर लालिमा वाले सूर्य के सामने किया जाय तो ये मंत्र और भी प्रभावी होते हैं. सूर्य को जल अर्पित करने के बाद सूर्य की रोशनी में गायत्री मंत्र का जाप करना भी विशेष फलदायी होता है.