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कहीं आपको भी तो नहीं हैं मांगलिक? ऐसा करें पहचान, जानें कितने साल बाद अपने आप खत्म हो जाता है मंगल दोष!

ज्योतिष शास्त्र में मंगल देव को ऊर्जा का कारक माना जाता है. कुंडली में मंगल मजबूत होने पर जातक साहसी और पराक्रमी होने के साथ ही जातक हमेशा उत्साहित रहता है. जातक को करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है. वहीं, मंगल कमजोर होने पर जातक को जीवन में विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ता है.

कौन होते हैं मांगलिक कौन होते हैं मांगलिक

आपने अपने आस-पास कई बार लोगों को सुना होगा कि लोग मांगलिक होते हैं, मांगलिक होने के चलते कई बार लोगों को शादी में दिक्कत होती है. हालांकि, हममें से कई लोगों को ये नहीं पता होता कि आखिर कुछ लोग मांगलिक हो क्यों जाते हैं या मांगलिक होने का कारण क्या है. साथ ही कुछ लोगों को ये भी नहीं पता होता है कि इससे निजात कैसे मिलता है.  तो चलिए आपकी सभी कन्फ्यूजन दूर करते हैं.

दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में मंगल देव को ऊर्जा का कारक माना जाता है. कुंडली में मंगल मजबूत होने पर जातक साहसी और पराक्रमी होने के साथ ही जातक हमेशा उत्साहित रहता है. जातक को करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है. वहीं, मंगल कमजोर होने पर जातक को जीवन में विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ता है. ज्योतिष कुंडली में मंगल मजबूत करने के लिए हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं.


जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह कुछ खास भावों में बैठ जाता है, तब उसे मांगलिक कहा जाता है. अक्सर लोग मांगलिक शब्द सुनते ही घबरा जाते हैं, लेकिन सच यह है कि यह एक ज्योतिषीय स्थिति है, जिसका प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है. सही जानकारी और उपाय अपनाने पर यह दोष जीवन को मुश्किल नहीं बनाता, बल्कि कई बार व्यक्ति को बेहद तेज, साहसी और मजबूत भी बनाता है.

किसे कहते हैं मांगलिक
जब मंगल कुंडली के 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में बैठ जाए, तो इसे मांगलिक दोष कहा जाता है. इन भावों पर मंगल का असर रिश्तों, स्वभाव और शादीशुदा जीवन को प्रभावित करता है. इसी कारण कई लोग शादी के लिए कुंडली मिलान में मंगल दोष देखते हैं. इसे कुंडली में मौजूद एक एनर्जी पैटर्न की तरह समझना चाहिए, जो अच्छे या चुनौतीपूर्ण परिणाम दे सकता है.

मंगल दोष कितने साल में खत्म होता है?
ज्योतिष के अनुसार मंगल दोष स्थायी नहीं रहता. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की दशा और गोचर बदलते हैं. आमतौर पर 28 से 30 साल की उम्र के बाद मंगल दोष का प्रभाव काफी कम हो जाता है. इसलिए शादी के समय केवल मंगल दोष देखकर निर्णय नहीं लेना चाहिए. पूरे चार्ट के आधार पर ही सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है.

मंगल दोष होने पर क्या उपाय करें?
मंगल दोष होने पर आप कुछ उपाय कर सकते हैं. जैसे-
हनुमान जी की पूजा:हर मंगलवार को हनुमानजी को सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल चढ़ाएं. हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें.
मंगल मंत्र:'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का जाप करें.
मंगलनाथ मंदिर: विवाह में बाधा हो तो उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर में भात पूजा करवाएं.
मंगलवार व्रत: नमक का सेवन न करें और शाम को हनुमानजी के मंदिर जाएं.
दान: मंगलवार को लाल मिर्च, गुड़, मसूर दाल, लाल कपड़े, तांबे के बर्तन या चने का दान करें.
नीम का पेड़: नीम का पेड़ लगाएं और उसकी सेवा करें.
सोना और तांबा: शरीर पर सोना धारण करें और तांबे का कड़ा या छल्ला पहनें.

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