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Bajrang Baan: बजरंग बाण से प्रसन्न होते हैं हनुमान जी, किन दशाओं में पाठ होता है लाभकारी, क्या हैं नियम?

अगर स्वास्थ्य की समस्या हो और कारण समझ नहीं आ रहा हो. अगर कुंडली में मंगल दोष हो और इससे समस्या हो रही हो. अगर कर्ज या मुकदमे के कारण समस्या हो तो बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए.

Hanuman Ji Hanuman Ji

बजरंग बाण हनुमान जी को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली स्तोत्र है. माना जाता है कि जिस प्रकार एक बाण अपने लक्ष्य को जरूर भेदता है, उसी तरह बजरंग बाण का पाठ करने से भक्त की बड़ी से बड़ी समस्याएं और संकट दूर होते हैं. चलिए आपको बजरंग बाण के बारे में सबकुछ बताते हैं.

क्या है बजरंग बाण ? 
हनुमान जी भक्ति ,शक्ति और ऊर्जा के स्रोत माने जाते हैं'. तमाम पूजा विधियों से उनसे तमाम तरह की कामनायें पूरी करवाई जा सकती हैं. शत्रु, रोग तथा भय नाश के लिए हनुमान जी का अमोघ प्रयोग बजरंग बाण है. इस पाठ में दोहों और चौपाईयों के साथ तमाम बीज मन्त्रों का भी उल्लेख है, जो इस पाठ को अत्यधिक शक्तिशाली बना देता है. सामान्य दशाओं में इसका पाठ नहीं करना चाहिए. विशेष दशाओं में नियमों सहित पाठ करना ही फलदायी होगा.

किन दशाओं में बजरंग बाण का पाठ लाभकारी होता है? 
अगर स्वास्थ्य की समस्या हो और कारण समझ नहीं आ रहा हो. अगर कुंडली में मंगल दोष हो और इससे समस्या हो रही हो. अगर कर्ज या मुक़दमे के कारण समस्या हो. अगर तंत्र मंत्र या नकारात्मक ऊर्जा के कारण समस्या हो रही हो. अगर शल्य चिकित्सा या रक्त की समस्या हो.

बजरंग बाण पाठ करने के नियम-
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें. किसी भी मंगलवार अथवा शनिवार को इसके पाठ की शुरुआत करें. सामने एक घी का दीपक जला लें. लाल अथवा नारंगी वस्त्र और लाल अथवा कुश का आसन प्रयोग करें. पहले हनुमान जी का ध्यान करें तब पूजा की शुरुआत करें. एक बार में ही सारा पाठ करें,कोई अंतर न दें. जितने दिन भी इसका पाठ करें, उतने दिन सात्विकता और ब्रह्मचर्य का पालन करें. बजरंग बाण के पाठ के बाद लड्डू अथवा गुड का वितरण करना चाहिए तथा घर में गुग्गुल की सुगंध करनी चाहिए.

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