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Panchakshar Mantra: 5 अक्षरों से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान भोलेनाथ, जानिए क्या है इस मंत्र का अर्थ और महत्व

भगवान शिव का एक चमत्कारी मंत्र है, जिसके जाप से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. पुराणों में 7 करोड़ मंत्रों का वर्णन है, लेकिन "नमः शिवाय" मंत्र जैसा शक्तिशाली दूसरा कोई मंत्र नहीं है.

पंचाक्षर मंत्र से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान भोलेनाथ पंचाक्षर मंत्र से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान भोलेनाथ
हाइलाइट्स
  • 5 अक्षरों वाले मंत्र से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान भोलेनाथ

  • "नमः शिवाय" मंत्र जैसा शक्तिशाली दूसरा कोई मंत्र नहीं

जो परम चमत्कारी "नमः शिवाय" का जाप करते हैं. उनकी रक्षा स्वयं महादेव करते हैं. देवों के देव महादेव सम्पूर्ण सृष्टि का आधार हैं. इनका नाम लेने मात्र से विपत्तियां दूर होने लगती है. शिव जी का ध्यान आते ही जो मंत्र सबसे पहले जिह्वा पर आता है है वह नमः शिवाय ही है. पुराणों में भी शिव पंचाक्षर की महिमा का वर्णन मिलता है. कहा गया है कि सात करोड़ मंत्रों और अनेकों उपमंत्रों के होने पर भी भगवान शिव के प्रदान किए गए पंचाक्षर मंत्र के समान दूसरा कोई मंत्र नहीं है.
भोलेनाथ इतने भोले हैं कि जरा सी भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं. अगर महाकाल का आशीर्वाद मिल जाए, तो फिर काल की भी क्या मजाल.  जो वो आपका बाल भी बांका कर सके.  

शिव उपासना के पांच अक्षर-
भोलेनाथ की कृपा पाने का सबसे सरल और सटीक उपाय शिव का पंचाक्षर मंत्र है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो शिव पंचाक्षर में साक्षात शिव की शक्ति है. 

  • शिव उपासना के पांच अक्षर हैं - "नमः शिवाय"
  • सृष्टि पांच तत्वों से मिलकर बनी है जिसके नियंत्रक हैं महादेव
  • इन पांच अक्षरों से सृष्टि के पांचों तत्वों को नियंत्रित किया जा सकता है
  • हर अक्षर का अपना अर्थ और महत्व है
  • इन पाँचों अक्षरों को एक साथ मिलाकर बनता है शिव का परमशक्तिशाली मंत्र
  • ऊं नमः शिवाय 

5 अक्षरों का क्या है अर्थ-
पंचाक्षर के हर अक्षर में ब्रह्माड की शक्ति समाई है. हम आपको शिव के पंचाक्षर मंत्र के हर एक अक्षर का अर्थ और शक्ति बतलाएंगे. कैसे "नमः शिवाय" का जाप कष्टों से मुक्ति दिलाएगा.

  • "न" अक्षर का अर्थ और महत्व-
  • शिव पंचाक्षर के पहले अक्षर "न" के बारे में ज्योतिष विज्ञान क्या कहता है. चलिए आपको बताते हैं.
  • इसका अर्थ नागेन्द्र से है, जो नागों को धारण करने वाले हैं
  • "न" का अर्थ निरंतर शुद्ध रहना भी है
  • इस अक्षर के प्रयोग से इंसान दसों दिशाओं में सुरक्षित रहता है

"म" अक्षर का अर्थ और महिमा-
शिव पंचाक्षर का दूसरा दिव्य प्रभावों वाला अक्षर "म" है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो "म" अक्षर में स्वयं महादेव की शक्ति बसी है. इसके उच्चारण से महाकाल प्रसन्न होते हैं. आइए जानते हैं कि शिव के इस अक्षर का क्या अर्थ है और ये सृष्टि के कौन से तत्व को नियंत्रित करता है.

  • इसका अर्थ मन्दाकिनी को धारण करने से है
  • इस अक्षर का अर्थ महाकाल और महादेव से भी जुड़ा है
  • नदियों, पर्वतों और पुष्पों को नियंत्रित करने के कारण इस अक्षर का प्रयोग हुआ
  • ये जल तत्त्व को नियंत्रित करता है

"श" अक्षर का अर्थ-
शिव पंचाक्षर की आधी शक्ति श अक्षर में समाई है. शिव और शक्ति से शिव पंचाक्षर का "श" जुड़ा है. इसके जाप से संसार का हर कष्ट दूर हो सकता है. ज्योतिष में इस अक्षर का विशेष महत्व है.

  • इसका अर्थ शिव के शक्ति को धारण करने से है
  • ये परम कल्याणकारी अक्षर माना जाता है
  • इस अक्षर से जीवन में अपार सुख और शांति का आगमन होता है

"व" अक्षर का अर्थ और महिमा-
जब-जब महादेव की तीसरी आंख खुली, तब-तब विनाशलीला हुई. महादेव जब क्रोधित होते हैं, तब खुलती है उनकी तीसरी आंख और शिव पंचाक्षर का अक्षर "व" का संबंध शिव के विकराल रूप से है. 

  • इसका सम्बन्ध शिव की तीसरी आंख से है
  • ये अक्षर शिव जी के प्रचंड स्वरुप के दर्शन कराता है
  • इस अक्षर का प्रयोग ग्रहों और नक्षत्रों को नियंत्रित करता है

"य" अक्षर का अर्थ और महिमा-
शिव पंचाक्षर का आखिरी अक्षर "य" है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस अक्षर में शिव पूर्ण रूप में विराजमान हैं. इसके प्रयोग से भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

  • इस अक्षर का अर्थ है "शिव जी ही आदि, अनादि और अनंत हैं"
  • ये अक्षर सम्पूर्णता का है जिसमें शिव को सर्वव्यापक माना गया है
  • इस अक्षर के प्रयोग से शिव की कृपा मिलती है

पंचाक्षर करेगा कल्याण-
भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र से हर भक्त का कल्याण होता है. शिव पंचाक्षर का जाप इंसान को अच्छे कर्मों की ओर प्रेरित करता है और सत्कर्मों से महादेव प्रसन्न होते हैं. कहते हैं कि शिव जब प्रसन्न होते हैं, तो अपने भक्तों के मन की हर कामना पूरी करते हैं. तो आप भी इस दिव्य मंत्र "नमः शिवाय" का जाप करिए. शिव की कृपा से आपका सदा ही कल्याण होगा.
शिव पंचाक्षर  यानी  "नमः शिवाय" के जाप से आपके कष्ट दूर होंगे और जीवन में सुख का आगमन होगा. तो इस महामंत्र का जाप करिए और शिव कृपा का आनंद उठाइए.

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