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Vishwakarma Puja 2022: कल मनायी जाएगी विश्वकर्मा पूजा, जानें महत्व

भगवान विश्वकर्मा को 'स्वयंभू' या कुछ हिंदू शास्त्रों में स्वयं प्रकट होने वाले भगवान के रूप में जाना जाता है. विश्वकर्मा भगवान को ब्रह्मांड में सभी भौतिक चीजों के निर्माता और रथों, महलों और देवी-देवताओं के हथियारों का वास्तुकार माना जाता है.

Vishwakarma Puja 2022 Vishwakarma Puja 2022
हाइलाइट्स
  • यह त्योहार पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, बिहार और झारखंड राज्यों में जोर-शोर से मनाया जाता है.

  • इस दिन सभी औजारों और मशीनों की भी पूजा की जाती है

Vishwakarma Puja 2022: कल पूरे देश में विश्वरकर्मा पूजा की जाएगी. हर साल 17 सितंबर को ही भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. इस दिन लोग अपने दफ्तरों, कारखानों में मशीनों, औजारों और निर्माण कार्यों में काम आने वाले उपकरण, वाहनों की पूजा कर कार्य में तरक्की की प्रार्थना करते हैं. 

वेदों के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा को सभी देवी-देवताओं में दिव्य वास्तुकार और डिजाइनर के रूप में जाना जाता है. यानी भगवान विश्वकर्मा को मानने वाले लोग  विश्वकर्मा भगवान को दुनिया का पहला इंजिनियर मानते हैं. इस साल विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 7 बजकर 36 मिनट से रात 9 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. 

यह त्योहार पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, बिहार और झारखंड राज्यों में जोर-शोर से मनाया जाता है. कारखाने और दुकान के मालिक इस दिन अपने  बिजनेस में तरक्की के लिए भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए पूजा करते हैं. इस  भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति के साथ-साथ सभी औजारों और मशीनों की भी पूजा की जाती है.

इतिहास

देवता को 'स्वयंभू' या कुछ हिंदू शास्त्रों में स्वयं प्रकट होने वाले भगवान के रूप में जाना जाता है. उन्हें ब्रह्मांड में सभी भौतिक चीजों के निर्माता और रथों, महलों और देवी-देवताओं के हथियारों के दिव्य वास्तुकार के रूप में माना जाता है. इसलिए हर साल कन्या संक्रांति पर इंजिनियर, डिजाइनर, वास्तुकार, शिल्पकार, और मर्तीकार,  भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. 

महाकाव्य रामायण में इस बात का जिक्र है कि विश्वकर्मा जी ने रावण के लिए पुष्पक विमान और स्वर्ण लंका का निर्माण किया था. महाकाव्य महाभारत के अनुसार, विश्वकर्मा जी ने भगवान कृष्ण के लिए द्वारका शहर और पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ भी बनाया. 

महत्व

इस दिन का हिंदु धर्म में बड़ा  महत्व है.  दूसरे त्योहारों के विपरीत, विश्वकर्मा पूजा केवल एक दिन के लिए मनाई जाती है.  विश्वकर्मा पूजा सौर कैलेंडर के अनुसार निर्धारित की जाती है जबकि दूसरे  त्योहार चंद्र कैलेंडर पर आधारित होती हैं.