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एलियन कर सकते हैं धरती पर हमला, वैज्ञानिकों की चेतावनी, कहा- सुरक्षा में लापरवाही पड़ सकती है महंगी

यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय जर्नल, बायोसाइंस में प्रकाशित हुआ है. जिसमें शोधकर्ताओं ने जैव सुरक्षा उपायों के महत्व पर प्रकाश डाला है और ये बताया है कि लापारवाही बड़े खतरे की तरफ ले जा सकता है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • बायोसाइंस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जैव खतरा बढ़ रहा है

  • एलियंस कर सकते हैं धरती पर हमला

पृथ्वी पर एलियन के हमले की कई फिल्में बन चुकी हैं. इन फिल्मों में वार विथ एलियंस याद कर लीजिए या end of the world. ये काल्पनिक कहानियां आपके सामने सांइस की वजह से पैदा हुए खतरे का भयानक मंजर ला कर खड़ा कर देती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अब यह काल्पनिक कहानी जल्द वास्तविकता में बदल सकती है. ऐसा एक रिसर्च में सामने आया है. एडिलेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक  स्पेस इंडस्ट्री को भविष्य में भारी नुकसान होने की संभावना है.  यह धरती पर रह रहे जिवों  के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय जर्नल, बायोसाइंस में  छपा है. जिसमें रिसर्चर ने दावा किया है कि ,मानव के अंतरिक्ष पर जाने से ना सिर्फ अंतरिक्ष पर रहने वाले जीवों को खतरा है साथ ही धरती पर रह रहे इंसानों के लिए भी बराबर खतरा है. 

क्या है अंतरिक्ष जैव सुरक्षा?

अंतरिक्ष जैव सुरक्षा का मतलब पृथ्वी पर लोगों के सामने आने वाले जैविक खतरों से हैं. एडिलेट विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर कैसी ने कहा कि इस तरह के खतरे कम भी हो सकते हैं. लेकिन ज्यादातर मामलों में खतरे की संभावना जैव सुरक्षा का किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, उस पर डिपेंड करता है. स्विट्जरलैंड में ल्यूसर्न यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज एंड आर्ट्स के एक खगोल विज्ञानी जेनिफर वाड्सवर्थ ने कहा,  ग्रहों और चंद्रमाओं ने हमेशा उल्कापिंडों के जरिए एनर्जी का लेन-देन किया है, इससे भी खतरा बढ़ सकता है. 

आखिर कैसे रोका जाए इस खतरे को?

अध्ययन में लेखकों ने सुझाव दिया कि एलियन्स का पता लगाने के लिए प्रोटोकॉल को बढ़ाने का सुझाव दिया, साथ ही जिन जैविक खतरों से ज्यादा नुकसान की गुंजाइश है उसकी पहचान करने के साथ कुछ अहम योजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है.स्विट्जरलैंड में ल्यूसर्न यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज एंड आर्ट्स के एक खगोल विज्ञानी जेनिफर वाड्सवर्थ ने कहा,  ग्रहों और चंद्रमाओं ने हमेशा उल्कापिंडों के जरिए एनर्जी का लेन-देन किया है, इससे भी खतरा बढ़ सकता है.