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Alien Technology and Intersteller Object: क्या एलियन टेक्नोलॉजी है ये इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट? वैज्ञानिक ने उठाए सवाल, दुनिया भर में चर्चा तेज

इस खोज का मतलब है कि हमें अब और भी ज्यादा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट्स पर रिसर्च करनी चाहिए. भविष्य में शायद हमें ऐसे सिग्नल्स मिलें जो सभ्यताओं के होने का सबूत हों. और सबसे जरूरी, विज्ञान में सवाल पूछना जरूरी है, क्योंकि वहीं से नए जवाब निकलते हैं.

Interstellar object Interstellar object

जुलाई 2025 में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी चीज खोजी जो पूरे साइंस जगत में हाईलाइट बन गई है. नाम है 3I/ATLAS- एक इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट यानी ऐसा पिंड जो हमारे सौर मंडल से बाहर से आया है.

अब Harvard के एक फेमस साइंटिस्ट, एवी लोएब ने दावा किया है कि ये चीज कोई नॉर्मल कॉमेट नहीं, बल्कि एलियन टेक्नोलॉजी हो सकती है! और इसी को लेकर इंटरनेट से लेकर लैब तक हर जगह बहस छिड़ गई है.

क्या है 3I/ATLAS?

  • इसे NASA के ATLAS प्रोजेक्ट के तहत चिली में एक टेलीस्कोप ने डिटेक्ट किया.
  • यह हमारे सोलर सिस्टम से बाहर से आया हुआ कॉमेट है.
  • साइज? लगभग 19 किलोमीटर लंबा.
  • स्पीड? करीब 60 किलोमीटर प्रति सेकंड.
  • यह 30 अक्टूबर 2025 को धरती से 130 मिलियन मील दूर से गुज़रेगा.

इससे पहले दो और इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट सामने आए थे- 'Oumuamua और Borisov. लेकिन 3I/ATLAS कुछ ज्यादा ही स्पेशल लग रहा है.

लोएब का कहना क्या है?
एवी लोएब, जो पहले भी 'Oumuamua’ को एलियन टेक कह चुके हैं, अब फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने कहा, “मैं ये नहीं कह रहा कि ये एलियन स्पेसशिप है, लेकिन हमें हर possibility को open mind से देखना चाहिए.”

उन्होंने इस पर एक रिसर्च पेपर भी लिखा है, जो 16 जुलाई 2025 को arXiv वेबसाइट पर अपलोड हुआ. हालांकि यह रिसर्च अभी peer-reviewed नहीं है, लेकिन उनकी थ्योरी ने curiosity तो जगा ही दी है.

साइंटिस्ट्स क्या सोचते हैं?
बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक समुदाय इस ऑब्जेक्ट को एक नॉर्मल इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट मानता है. उनके मुताबिक, यह एक नेचुरल कॉस्मिक बॉडी है और इसका ट्रैक और स्पीड नेचर के हिसाब से फिट बैठता है.

लेकिन लोएब का सवाल वैलिड है, "क्या हम हर बार यही मान लें कि जो बाहर से आया है, वो नेचुरल ही होगा?"

क्या डरने की जरूरत है?
बिलकुल नहीं! यह ऑब्जेक्ट पृथ्वी से बहुत दूर से निकलेगा, कोई खतरा नहीं है. इसे लेकर कोई एलियन अटैक या स्पेस इन्क्वेशन जैसी बात नहीं है. यह सिर्फ साइंटिफिक रिसर्च और curiosity का विषय है.

बता दें, इस खोज का मतलब है कि हमें अब और भी ज्यादा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट्स पर रिसर्च करनी चाहिए. भविष्य में शायद हमें ऐसे सिग्नल्स मिलें जो सभ्यताओं के होने का सबूत हों. और सबसे जरूरी, विज्ञान में सवाल पूछना जरूरी है, क्योंकि वहीं से नए जवाब निकलते हैं.