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NISAR Mission: क्यों NASA-ISRO का यह सैटेलाइट प्रोजेक्ट पूरी दुनिया के लिए अहम है?

यह मिशन न केवल भारत और अमेरिका के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहली बार होगा जब दो देशों की एजेंसियां पृथ्वी की निगरानी के लिए एक अत्याधुनिक रडार सैटेलाइट मिलकर लॉन्च कर रही हैं.

NISAR Mission NISAR Mission

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA मिलकर एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे हैं जिसका नाम है NISAR यानी NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar. यह मिशन न केवल भारत और अमेरिका के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहली बार होगा जब दो देशों की एजेंसियां पृथ्वी की निगरानी के लिए एक अत्याधुनिक रडार सैटेलाइट मिलकर लॉन्च कर रही हैं.

क्या है NASA-ISRO का NISAR मिशन?
NISAR (निसार) एक जॉइंट सैटेलाइट मिशन है जो पृथ्वी की सतह पर हो रहे बदलावों की हाई-रिज़ॉल्यूशन और लगातार निगरानी करेगा. इस सैटेलाइट को 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत में ISRO के GSLV रॉकेट के जरिए भारत से लॉन्च किया जाएगा.

इस मिशन का उद्देश्य है:

  1. पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों की निगरानी
  2. जंगलों में हो रही कटाई की जानकारी
  3. बर्फ की परतों और ग्लेशियर के पिघलने की निगरानी
  4. बाढ़, भूकंप और अन्य आपदाओं का अध्ययन
  5. कृषि और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी विस्तृत जानकारी

पृथ्वी की निगरानी के लिए क्यों खास है NISAR?
NISAR को दुनिया का पहला ड्यूल-फ्रिक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट माना जा रहा है. यह दो अलग-अलग रडार तकनीकों (L-बैंड और S-बैंड) का इस्तेमाल करेगा, जिससे पृथ्वी की सतह के बदलावों को सेंटीमीटर स्तर की सटीकता के साथ मापा जा सकेगा. इससे हमें यह जानने में मदद मिलेगी कि:

  • ग्लोबल वार्मिंग किस हद तक बर्फ को पिघला रही है
  • समुद्री स्तर कितनी तेजी से बढ़ रहा है
  • प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता क्या हो सकती है
  • पर्यावरण और कृषि पर इसके क्या प्रभाव होंगे

इससे न केवल वैज्ञानिक समुदाय को जानकारी मिलेगी, बल्कि यह नीति निर्माताओं, किसानों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के लिए भी एक प्रभावी टूल बन जाएगा.

NISAR न केवल पृथ्वी की जलवायु, पर्यावरण और भूगर्भीय परिवर्तनों की निगरानी करेगा, बल्कि यह भविष्य की आपदाओं के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली के रूप में भी कार्य करेगा. यह मिशन अंतरिक्ष विज्ञान में भारत और अमेरिका की मजबूत साझेदारी का उदाहरण है.

ऐसे मिशनों से यह भी साबित होता है कि जब दो देशों के वैज्ञानिक मिलकर काम करते हैं, तो पूरी मानवता को उसका लाभ मिल सकता है. NISAR हमें न केवल आज की समस्याओं को समझने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य को सुरक्षित और स्थिर बनाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा.