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इंसानों की स्किन से भी ज्यादा सेंसिटिव है Artificial Skin, आगे जाकर बनाया जा सकेगा इसे और एडवांस 

Artificial Skin पर कई सालों से काम चल रहा है. अब इसी कड़ी में एक रिसर्च पब्लिश हुई है जिसमें कहा गया है कि ये इंसानों की स्किन से भी ज्यादा सेंसिटिव है. साथ इस आगे चलकर कई सारे कामों में इस्तेमाल किया जा सकेगा.

आर्टिफिशियल स्किन आर्टिफिशियल स्किन
हाइलाइट्स
  • आगे जाकर इसको बनाया जाएगा और एडवांस 

  • डिवाइस का निर्माण स्केलेबल और लागत प्रभावी है

साइंस आए दिन तरक्की कर रहा है. आए दिन नए अविष्कार हो रहे हैं. अब इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने एक आर्टिफिशियल स्किन बनाई है. हालांकि, इसके बारे में दावा किया गया है कि ये इंसान की स्किन की तुलना में प्रेशर का पता लगाने के लिए ज्यादा संवेदनशीलता है. जिस रोबोट पर आर्टिफिशियल स्किन का टेस्ट किया गया था, उसने संपर्क में आए बिना सीधे पॉलिमर, मेटल और इंसान की स्किन सहित कई सारी मटेरियल में अंतर पता कर दिया. 

आगे जाकर इसको बनाया जाएगा और एडवांस 

बतात चलें कि ये रिसर्च जर्नल स्मॉल में प्रकाशित हुई है. इसके लेखक यिफान वांग ने इसे लेकर कहा "आर्टिफिशियल स्किन एक नरम स्पंजी सामग्री है. जिसके अंदर आयनिक तरल पदार्थ होते हैं और इसकी सतह पर इलेक्ट्रोड होते हैं. आयनिक तरल पदार्थ सुनिश्चित करते हैं कि स्किन में ज्यादा सेंसिटिविटी हो. ये स्किन सरफेस को चुने से पहले ही बाहरी वस्तुओं का पता लगा सकती है और यह भी पता लगा सकती है कि किस प्रकार की सामग्री है. हम टेम्परेचर सेंसिटिव, टेक्सचर सेंसटिव आदि जैसी नई क्षमताओं को भी शामिल किया जाएगा.”

डिवाइस का निर्माण स्केलेबल और लागत प्रभावी है

बताते चलें कि इस डिवाइस का निर्माण करने के लिए, एक PDMS (polydimethylsiloxane) स्पंज को इसके एक आयनिक लिक्विड में डुबोया जाता है. इसका मकसद उसके डायइलेक्ट्रिक गुणों को बढ़ाना होता है. दो फ्लेक्सिबल कंडक्टिव फैब्रिक्स, इलेक्ट्रोड के रूप में कार्य करने के लिए दो सिरों पर जुड़े होते हैं. वांग के अनुसार, डिवाइस का निर्माण स्केलेबल और लागत प्रभावी है. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि यह काफी टिकाऊ है.

कैसे किया गया एक्सपेरिमेंट?

इतना ही नहीं बल्कि वैज्ञानिकों ने इसके लिए कई सारे एक्सपेरिमेंट किए. इनमें उन्होंने ड्यूल रेस्पॉन्सिव आर्टिफिशियल स्किन का उपयोग किया, जिसमें वर्चुअल गेम कैरेक्टर में हेरफेर, इलेक्ट्रॉनिक मैप का नेविगेशन और इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट के माध्यम से स्क्रॉल करना शामिल है. शोध के दौरान, उन्होंने पाया कि आर्टिफिशियल स्किन टारगेट के करीब आने पर भी अलग-अलग संकेतों का पता लगाने में सक्षम है.