
इंडियन स्पेस हीरो विंग कमांडर राकेश शर्मा (rakesh sharma 73th birthday) आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं. देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने वाले राकेश शर्मा पहले भारतीय थे जो अंतरिक्ष गए. और यहीं से वह भारत में स्पेस स्टोरीज का हिस्सा बन गए.
राकेश शर्मा (rakesh sharma) अप्रैल 1984 में रूस के सोयुज टी -11 में सवार होकर अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे. उन्होंने दो सोवियत अंतरिक्ष यात्रियों, यूरी मालिशेव और गेनाडी स्ट्रेकालोव के साथ अंतरिक्ष में 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट बिताए.
एस्ट्रोनॉट से पहले थे पायलट:
13 जनवरी 1949 को पटियाला में जन्मे राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले भारतीय सशस्त्र बलों में वायु सेना के पायलट के रूप में सर्विसेज दे रहे थे. लेकिन जब वह अंतरिक्ष पहुंचे तो बहुत कुछ बदल गया. यह पल सिर्फ उनके लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए खास था.
और तो और उन्होंने इक़बाल के 'सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा' को अमर कर दिया. क्योंकि जब तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी से उनसे पूछा था, "भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है," तो उन्होंने बहुत ही प्यारा जवाब दिया.
राकेश ने कहा, "मैं बिना किसी हिचकिचाहट के कह सकता हूं कि सारे जहां से अच्छा "(दुनिया में सबसे अच्छा)."
जब पहुंचा एक पानवाले का खत:
अंतरिक्ष से लौटने के बाद काफी समय तक राकेश शर्मा के इंटरव्यू, सम्मान और बधाइयों का सिलसिला चलता रहा. उन्हें न सिर्फ भारत सरकार ने बल्कि सोवियत रूस ने भी सम्मानित किया. लेकिन इन सबके बीच उन्हें 2 अप्रैल 1985 को एक खत मिला जो उनके लिए जीवन का अनमोल तोहफा बन गया.
दरअसल यह चिट्ठी अहमदाबाद में पान की दुकान चलाने वाले किशन सिंह चौहान ने लिखी थी. मात्र तीसरी कक्षा तक पढ़े किशन सिंह के लिए राकेश शर्मा किसी प्रेरणा से कम नहीं थे. पढ़ने की इच्छा रखने वाले किशन सिंह को घर के आर्थिक हालातों के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी.
बरसों पहले किशन सिंह ने अहमदाबाद मिरर को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने नील आर्मस्ट्रांग के बारे में सुना था कि वह अंतरिक्ष में गए थे. फिर उन्हें पता चला कि राकेश शर्मा यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय हैं. इसलिए उन्होंने राकेश शर्मा को बधाई देने के लिए चिट्ठी लिखी.
अपने खतवाले दोस्त से मिलने गए थे अहमदाबाद:
राकेश शर्मा को जब इंडियन एयर फाॅर्स हेड ऑफिस में यह खत मिला तो उन्हें बहुत अच्छा लगा. उन्होंने भी किशन सिंह को जवाब में खत लिखकर धन्यवाद कहा. इसके बाद दोनों के बीच खतों का सिलसिला शुरू हो गया. हर साल किशन सिंह राकेश को तीन बार खत लिखते.
एक बार स्पेस लॉन्च की सालगिरह पर, उनके जन्मदिन पर और नए साल पर. लगभग 25 साल बाद साल 2009 में किशन सिंह ने एक खत में अपनी तस्वीर और एक फोन नंबर भेजा. नंबर मिलने के बाद राकेश शर्मा ने अपने दोस्त से बात की.
इसके एक साल बाद 2010 में राकेश शर्मा को अहमदाबाद किसी काम से जाना था और उन्होंने तय किया कि वह अपने दोस्त किशन सिंह से भी मिलकर आएंगे.
राकेश शर्मा को सामने देख रो पड़े थे किशन:
राकेश शर्मा के पास किशन सिंह की दुकान का पता था और इसलिए वह सीधा वहीं पहुंचे. पहले तो किशन राकेश को पहचान नहीं सके क्योंकि तब तक राकेश दिखने में काफी बदल चुके थे. लेकिन फिर जब राकेश ने उन्हें बताया तो वह रोने लगे.
उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि राकेश यूं अपनी दोस्ती का मान रखेंगे. लगभग 45 मिनट तक राकेश उनकी दुकान पर बैठे और उन्होंने बातें की. इसके बाद राकेश ने उनसे वादा किया कि वह जब भी अहमदाबाद आएंगे तो उनसे जरूर मिलेंगे.
राकेश शर्मा ने अपने कई इंटरव्यू में अपने दोस्त के बारे में जिक्र किया है. बेशक दोस्ती हर चीज से परे होती है और एक एस्ट्रोनॉट और पानवाले की इस दोस्ती को हमारा सलाम.