Final supermoon of this year
Final supermoon of this year साल का आखिरी सुपरमून 29 सितंबर, 2023 को उदय होने वाला है. इस सुपरमून को हार्वेस्ट मून के नाम से जाना जाता है और उत्तरी गोलार्ध में शरद विषुव के सबसे करीब पूर्ण चंद्रमा है. यह ज्यादातर हर साल सितंबर के अंत में दिखता है. हालांकि, हर हार्वेस्ट मून सुपरमून नहीं होता है. हार्वेस्ट मून को कॉर्न मून के नाम से भी जाना जाता है.
साल में दो बार (20 मार्च और 22 सितंबर के आसपास) सूर्य भूमध्य रेखा के ऊपर होता है और दिन और रात बराबर होते हैं. इस घटना का विषुव कहते हैं. 4 जुलाई को फुल बक मून और अगस्त में दो सुपरमून- स्टर्जन मून और फुल ब्लू मून के बाद, हार्वेस्ट मून 2023 का चौथा सुपरमून होगा.
इस साल का है आखिरी सुपरमून
इस साल, हार्वेस्ट मून एक सुपरमून होगा क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी की परिधि के निकट होगा. जिस कारण चंद्रमा सामान्य से अधिक चमकीला और पूर्ण दिखाई देगा. बताया जा रहा है कि भारत में हार्वेस्ट मून 29 सितंबर को शाम 6:17 पर दिखाई देगा. हार्वेस्ट मून नाम इस महीने से नहीं जुड़ा है, बल्कि उस पूर्ण चंद्रमा से जुड़ा है जो सितंबर विषुव के सबसे करीब उगता है.
अगर सितंबर विषुव के निकटतम पूर्ण चंद्रमा सितंबर-अक्टूबर में उगता है, तो इसे हार्वेस्ट मून कहा जाता है. हार्वेस्ट मून को कॉर्न मून के रूप में भी जाना जाता है, इसका कारण यह है कि यह वर्ष का वह समय है जब उत्तरी संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में मकई की कटाई की जाती है.
हार्वेस्ट मून क्यों है खास
उत्तरी गोलार्ध में हार्वेस्ट मून के आसपास के समय, लोगों को ऐसा प्रतीत होता है कि एक पंक्ति में कई पूर्ण चंद्रमा उग आए हों. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान उत्तरी गोलार्ध में लगातार दो चंद्रोदय के समय के बीच का अंतर 50 मिनट से कम होता है. इस कारण लोगों को ऐसा महसूस हो सकता है मानो एक पंक्ति में कई पूर्ण चंद्रमा हैं. यही चीज़ हार्वेस्ट मून को अद्वितीय बनाती है. हार्वेस्ट मून के साथ-साथ लोग रात को आकाश में बुध, बृहस्पति और शनि को भी देख सकेंगे.