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बहुत अधिक गर्मी में पौधे कैसे करते हैं अपना बचाव, स्टडी में हुआ खुलासा

यह अध्ययन ईएमबीओ जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस स्टडी से पता चला है कि पौधे हीट शॉक कारकों और अन्य मॉलिक्युलर प्लेयर्स को भी सक्रिय करके गर्मी के तनाव पर प्रतिक्रिया देते हैं. इस प्रक्रिया में केमिकल मेसेंजर के रूप में विशेष रूप से हार्मोन शामिल होते हैं.

पौधे एक मॉलिक्युलर पाथवे को सक्रिय करते हैं जिसे हीट-शॉक रिस्पॉन्स कहा जाता है. पौधे एक मॉलिक्युलर पाथवे को सक्रिय करते हैं जिसे हीट-शॉक रिस्पॉन्स कहा जाता है.
हाइलाइट्स
  • ब्रैसिनोस्टेरॉइड हॉर्मोन हीट स्ट्रेस प्रतिरोध बढ़ाने में करते हैं मदद

  • खेती और बागबानी के लिए मददगार है स्टडी 

टेक्निकल युनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिच, जर्मनी के एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कम अवधि के ताप तनाव से बचने के लिए, पौधे एक मॉलिक्युलर पाथवे को सक्रिय करते हैं जिसे हीट-शॉक रिस्पॉन्स कहा जाता है. यह हीट-शॉक रिस्पॉन्स (सभी जीवों के लिए सामान्य) कोशिकाओं को प्रोटीओटॉक्सिक तनाव से होने वाले नुकसान से बचाता है, जो प्रोटीन को नुकसान पहुंचाती है. इस तरह का तनाव न केवल गर्मी के कारण होता है, बल्कि मिट्टी के कुछ टॉक्सिक पदार्थों, यूवी प्रकाश या एसिडिटी के संपर्क में आने के कारण भी हो सकता है. हीट शॉक रिस्पॉन्स  विभिन्न तरीकों से कोशिकाओं की रक्षा करती है, उनमें से एक तथाकथित हीट-शॉक प्रोटीन का उत्पादन होता है, जो मॉलिक्युलर प्रोटेक्टर के रूप में काम करता है. ये मिसफॉलिंग को रोककर प्रोटीन की रक्षा करता है.

ब्रैसिनोस्टेरॉइड हॉर्मोन हीट स्ट्रेस प्रतिरोध बढ़ाने में करते हैं मदद 

यह अध्ययन ईएमबीओ जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस स्टडी से पता चला है कि पौधे हीट शॉक कारकों और अन्य मॉलिक्युलर प्लेयर्स को भी सक्रिय करके गर्मी के तनाव पर प्रतिक्रिया देते हैं. इस प्रक्रिया में केमिकल मेसेंजर के रूप में विशेष रूप से हार्मोन शामिल होते हैं. पौधे जो हार्मोन पैदा करते हैं उनमें ब्रैसिनोस्टेरॉइड होते हैं, जो मुख्य रूप से उनकी वृद्धि और विकास को नियंत्रित करते हैं. लेकिन, उनके विकास को बढ़ावा देने वाले गुणों के अलावा, ब्रैसिनोस्टेरॉइड्स में अन्य दिलचस्प क्षमताएं हैं. इन्हीं में से एक पौधों की हीट स्ट्रेस प्रतिरोध को बढ़ाने की उनकी क्षमता है, और टीयूएम के शोधकर्ताओं ने हाल ही में पता लगाया है कि इस सुरक्षात्मक क्षमता में इन हॉर्मोंस का क्या योगदान है.

खेती और बागबानी के लिए मददगार है स्टडी 

"ये परिणाम न केवल जीवविज्ञानी के लिए ख़ास हैं, जो हीट शॉक रिस्पॉन्स के बारे में हमारी समझ का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि ये कृषि और बागवानी में भी काम आ सकते हैं," इस स्टडी का नेतृत्व कर रहे प्रो. पॉपपेनबर्गर ने कहा. ब्रैसिनोस्टेरॉइड युक्त जैव-उत्तेजक उपलब्ध हैं और पौधों में हीट स्ट्रेस प्रतिरोध को बढ़ाने की उनकी क्षमता के लिए परीक्षण किया जा सकता है. ऐसे पदार्थ नेचुरल प्रोडक्ट्स हैं जिनको जैविक खेती के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है और इसलिए बिना किसी समस्या के इनका उपयोग किया जा सकता है. इस स्टडी के रिजल्ट का उपयोग उन किस्मों को बनाने के लिए भी  किया जा सकता है जो गर्मी के स्ट्रेस के प्रति अधिक प्रतिरोधी हैं.  इस प्रकार भविष्य में गर्मी हीट वेव्स की स्थिति में अधिक स्थिर उपज हो सकती है.