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IIT और एम्स जोधपुर का कमाल, दिव्यांगों के लिए बनाया बात करने वाला ग्लब्स, आवाज़ भी एकदम इंसानों जैसी

यह दस्ताने खासतौर से ना बोल पाने वाले लोगों के लिए बनाए गए हैं. ये दस्ताने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमआई) की मदद से बात कर सकते हैं. जो बोलने में अक्षम लोगों के बीच बोलने की ताकत देगा. इस की कीमत सिर्फ 500 रूपये है.

IT जोधपुर और AIIMS जोधपुर के इनोवेटर्स ने बोलने में अक्षम लोगों के लिए 'टॉकिंग ग्लव्स' बनाए हैं IT जोधपुर और AIIMS जोधपुर के इनोवेटर्स ने बोलने में अक्षम लोगों के लिए 'टॉकिंग ग्लव्स' बनाए हैं
हाइलाइट्स
  • बोलने में अक्षम लोगों की जबान बनेंगे ये दस्ताने

  • कीमत भी है काफी कम

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जोधपुर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) जोधपुर ने मिलकर बेहद ही कम लागत वाला 'टॉकिंग ग्लव्स' तैयार किया है. यह दस्ताने खासतौर से ना बोल पाने वाले लोगों के लिए बनाए गए हैं. ये दस्ताने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमआई) की मदद से बात कर सकते हैं. जो बोलने में अक्षम लोगों के बीच बोलने की ताकत देगा. इस की कीमत सिर्फ 500 रूपये है. 

'बात कर रहे दस्ताने' के पीछे की टीम

इन दस्तानों को प्रोफेसर सुमित कालरा, सहायक प्रोफेसर, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी जोधपुर, आईआईटी जोधपुर के डॉ अर्पित खंडेलवाल और डॉ नितिन प्रकाश नायर (एसआर, ईएनटी), डॉ अमित गोयल सहित नवप्रवर्तनकर्ताओं की टीम के साथ ( एम्स जोधपुर के प्रो. एवं हेड, ईएनटी), डॉ. अभिनव दीक्षित (प्रो., फिजियोलॉजी विभाग), ने  इन दस्तानों को बनाया है.

गूंगे लोगों की मदद कैसे करता है ये दस्ताना ?

कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, (IIT) के सहायक  प्रोफेसर सुमित कालरा ने कहा, "ये दस्ताने आज के दौर में  differently abled लोगों को दुनिया से जोड़ेगा.उन्होनें आगे बताया कि "डिवाइस के उपयोगकर्ताओं को केवल एक बार सीखने की जरूरत है एक बार जब वो इसे सीख जाएंगे तो उनके लिए लोगों को अपनी बातें कहना एकदम आसान हो जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि आगे हमारी कोशिश ये रही कि ये दस्ताने एक मरीज के लिए एक खास तरह कि आवाज निकाले ये ठीक वैसा ही मान सकते हैं जैसे कि हर इंसान की आवाज की अलग होती है.  ताकि बात-चीत करने में आसानी हो, और ये पूरी तरह से नैचुरल लगे.