moon mission 
 moon mission वह दिन दूर नहीं जब हम चांद पर भी इंटरनेट का लुफ्त उठा पाएंगे. यह उम्मीद अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के हाल ही में की गई एक स्टडी से निकल कर आई है. वाई-फाई प्रोग्राम से जुड़ी यह स्टडी नासा के कम्पास लैब ने की है. दरअसल NASA चांद पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने का सोच रही है. इस प्लान की मदद से अमेरिका के कई जगहों में इंटरनेट की समस्या को दूर किया जा सकेगा. साथ ही इससे भविष्य के अन्य स्पेस मिशनों में भी मदद मिलेगी.
आर्टेमिस मिशन के लिए बेहतर कनेक्शन है जरूरी
NASA के आर्टेमिस मिशन के जरिए 1972 के बाद इंसान को पहली बार चांद पर भेजने की योजना है. इससे पहले अपोलो 17 मिशन के जरिए मानव ने चांद पर कदम रखे थे. इस प्रोग्राम के तहत 2021 में चंद्रमा पर एक मानवरहित मिशन भी लॉन्च किया जाएगा. इस मिशन का मकसद चांद पर एक परमानेंट क्रू स्टेशन बनाना है. 'बिजनेस इनसाइडर' की रिपोर्ट के अनुसार, ये स्टडी बहुत मायने रखती है. कम्पास लैब के स्टीव ओल्सन का कहना है कि आर्टेमिस बेसकैंप से जुड़े क्रू, रोवर्स, साइंस और माइनिंग टूल्स को पृथ्वी से कनेक्टेड रहने के लिए एक बेहतर कनेक्शन चाहिए होगा.
डीप स्पेस नेटवर्क के साथ लाइन-ऑफ-विज़न कम्युनिकेशन में मिलेगी मदद
हाल के वर्षों में बहुत कुछ मेश नेटवर्क की वजह से घरों के भीतर लगातार वाई-फाई नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिली है. चांद के लिए नासा का प्लान डिस्ट्रिब्यूटेड हार्डवेयर पर आधारित है. अधिक बेस स्टेशन और रिपीटर्स अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा के विभिन्न स्थानों पर स्थित एस्ट्रोनॉट्स को कनेक्टेड रखेंगे. साथ ही ये डीप स्पेस नेटवर्क के साथ लाइन-ऑफ-विज़न कम्युनिकेशन में भी मदद करेंगे. इन रिपीटर्स की मदद से अमेरिका पर छाए संकट को भी दूर किया जा सकेगा.
 
डिजिटल डिवाइड के संकट को किया जा सकेगा हल 
नासा ने प्रेस रिलीज के जरिए जानकारी दी कि डिजिटल डिवाइड की समस्या से पूरा अमेरिका जूझ रहा है, जो अमेरिका के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. यह समस्या कोविड-19 महामारी के बाद अमेरिका के लोगों को और भी ज्यादा परेशान कर रही है. नेशनल डिजिटल इनक्लूजन एलायंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्लीवलैंड के लगभग 31 प्रतिशत घरों में ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है.