scorecardresearch

स्टडी में दावा! नोज पिकिंग से बढ़ सकता है डिमेंशिया का रिस्क, आज ही छोड़ दें ये गंदी आदत

नाक में बार-बार उंगली डालने की आदत (नोज पिकिंग) से नाक की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचता है. इसके जरिए कुछ खास बैक्टीरिया को दिमाग तक पहुंचने का रास्ता मिल सकता है.

Nose Picking Nose Picking
हाइलाइट्स
  • नोज पिकिंग की आदत क्यों है खराब

  • नोज पिकिंग से बढ़ सकता है डिमेंशिया का रिस्क

नाक में उंगली डालना एक आम आदत है. बचपन से लेकर बुढ़ापे तक, ज्यादातर लोग कभी-न-कभी ऐसा करते हैं. लेकिन अगर यही आदत आगे चलकर दिमाग की गंभीर बीमारी को जन्म दे सकता है. साल 2022 में प्रकाशित एक स्टडी ने नाक में उंगली डालने और डिमेंशिया (खासतौर पर अल्जाइमर) के बीच संबंध बताया गया है.

रिसर्च में क्या सामने आया?
ऑस्ट्रेलिया की Griffith University के वैज्ञानिकों ने एक बैक्टीरिया Chlamydia pneumoniae पर रिसर्च की, जो इंसानों में निमोनिया जैसी बीमारी का कारण बन सकता है. हैरानी की बात यह है कि यही बैक्टीरिया लेट-ऑनसेट डिमेंशिया से पीड़ित कई लोगों के दिमाग में भी पाया गया.

चूहे पर किए गए प्रयोग से क्या पता चला?
वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग किया. उन्होंने पाया कि यह बैक्टीरिया नाक के रास्ते सीधे olfactory नर्व (जो नाक को दिमाग से जोड़ती है) के जरिए दिमाग तक पहुंच सकता है. अगर नाक के अंदर की पतली परत को नुकसान पहुंचा हो तो बैक्टीरिया को दिमाग तक पहुंचने में और आसानी हो जाती है.

24 से 72 घंटे में दिमाग तक संक्रमण
चूहों में यह बैक्टीरिया 24 से 72 घंटे के अंदर दिमाग तक पहुंच गया. वैज्ञानिकों का मानना है कि नाक दिमाग तक पहुंचने का शॉर्टकट रास्ता हो सकती है, जिसे बैक्टीरिया और वायरस जल्दी पहुंचने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

संक्रमण के बाद चूहों के दिमाग में amyloid-beta protein ज्यादा जमा होने लगा. यह वही प्रोटीन है, जिसकी गांठें अल्जाइमर के मरीजों के दिमाग में पाई जाती हैं. यह प्रोटीन आमतौर पर शरीर में संक्रमण के जवाब में बनता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में जमा होना नुकसानदायक हो सकता है.

इंसानों के लिए कितना खतरा?
यह रिसर्च अभी चूहों तक सीमित है. इंसानों में यही प्रक्रिया होती है या नहीं, यह अभी साबित नहीं हुआ है. हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना है कि चूंकि यही बैक्टीरिया इंसानों में भी पाया जाता है, इसलिए और रिसर्च की जरूरत है.

नाक में उंगली डालने से बचने की सलाह
रिसर्च टीम के प्रमुख न्यूरोसाइंटिस्ट James St John का कहना है कि नाक में उंगली डालना या नाक के बाल नोचना अच्छी आदत नहीं है, क्योंकि इससे नाक की अंदरूनी सुरक्षा परत को नुकसान पहुंचता है. इससे बैक्टीरिया के दिमाग तक पहुंचने का खतरा बढ़ सकता है.

अल्जाइमर क्या है?
अल्जाइमर एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है, जिसमें धीरे-धीरे दिमाग की कोशिकाएं खराब होने लगती हैं. यह डिमेंशिया का सबसे आम कारण है.

अल्जाइमर के लक्षण

  • याददाश्त कमजोर होना

  • हाल की बातें जल्दी भूल जाना

  • बोलने या सही शब्द ढूंढने में परेशानी

  • समय और जगह को लेकर भ्रम

  • रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत

  • व्यवहार और मूड में बदलाव