
 US ready for GM tomatoes this time around 
 US ready for GM tomatoes this time around मार्केट में जल्दी ही बैंगनी टमाटर आने वाला है. दरअसल अमेरिका के कृषि विभाग ने बैंगनी टमाटर का पैदावारी करने का फैसला लिया है, 7 सितंबर को,एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी है. इसके अलावा नॉरफ़ॉक प्लांट साइंसेज, मार्टिन 2023 तक बैंगनी चेरी टमाटर को रोल आउट करने की योजना बना रहा है.
2004 में दिखे थे बैंगनी टमाटर
अमेरिका में 2004 में वैज्ञानिक कैथी मार्टिन जब अपने लगाए टमाटर की जांच करने के लिए ग्रीनहाउस गई तब उन्होंने देखा कि उनके लगाए गए टमाटर छोटे हैं और हरे भी. लेकिन जब मार्टिन क्रिसमस के बाद आई तो देखा कि टमाटर लाल या हरे नहीं बैंगनी हैं. बता दें कि मर्टिन को इसी बात की उम्मीद भी थी. इन टमाटरों में ब्लैकबेरी और ब्लूबेरी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट पाए गए.
बता दें कि मार्टिन का बैंगनी टमाटर अमेरिका के बाजारों में आने वाला पहला आनुवंशिक रूप से संशोधित फल नहीं है. ना ही ये पहला आनुवंशिक रूप से संशोधित टमाटर है . दरअसल Flavr Savr (एक तरह का मॉडिफाइड टमाटर) जो कि 1994 से चलन में पहला आनुवंशिक रूप से संशोधित फल है. लेकिन इसे उगाने में काफी ज्यादा खर्च और लागत लगती थी इसलिए इसे मार्केट से हटा दिया गया. इसकी जगह पर मकई और सोया जैसे पैदावार की तरफ रूख किया गया.

कैंसर और टाइप 2 डायबिटीज का होगा रामबाण
बता दें कि बैंगनी टमाटर की पैदावारी पारंपरिक तरीके से ही की गई है, रिसर्चर इस बात का दावा कर रहे हैं कि इस टमाटर में पाए जाने वाले पोषक तत्व कैंसर, और टाइप 2 डायबिटीज को रोकने में काफी मददगार साबित होगा. 2008 में एक रिसर्च की गई थी , इस रिसर्च में भविष्य में कैंसर के मरीज होने वाले चूहे शामिल किए गे, उनमें से कुछ को लाल टमाटर दिए गए औऱ कुछ को बैंगनी टमाटर, रिजल्ट ये आया कि बैंगनी टमाटर खाने वाले चूहों में कैंसर का खतरा कम पाया गया.

सेहत के लिए भी फायदेमंद
मार्टिन के मुताबिक, लगभग आधा कप बैंगनी टमाटर में उतने ही एंथोसायनिन होते हैं, जितने ब्लूबेरी में . अमेरिकी हर दिन लगभग 12.5 मिलीग्राम इन एंटीऑक्सिडेंट की खपत करता है, और नॉरफ़ॉक प्लांट साइंसेज का अनुमान है कि इसके बैंगनी टमाटर के आधे कप में 250 मिलीग्राम एंथोसायनिन होता है.
जल्दी खराब भी नहीं होंगे ये टमाटर
इस टमाटर की एक और खासियत है कि ये टमाटर नरम नहीं होते हैं और जल्दी खराब भी नहीं होते . 2013 के एक अध्ययन में, मार्टिन और उनके सहयोगियों ने पाया कि बैंगनी टमाटरों की शेल्फ लाइफ लाल किस्म के मुकाबले दोगुनी होती है. उम्र ज्यादा होने की वजह से ये टमाटर किसानों को भी फायदा पहुंचाएंगे.