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एस्ट्रोनॉट ही नहीं… हवाई यात्री और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों पर भी पड़ सकता है असर! NASA और NOAA ने दी Solar Maximum 2025 को लेकर चेतावनी

हर 11 साल में सूरज अपने चुंबकीय ध्रुवों को उलट देता है, जिसे सौर चक्र कहते हैं. इस प्रक्रिया के चरम पर, जिसे सोलर मैक्सिमम कहा जाता है, सूरज की सतह पर सनस्पॉट्स की संख्या तेजी से बढ़ जाती है. ये सनस्पॉट्स सूरज के ठंडे, गहरे क्षेत्र हैं, जो सोलर फ्लेयर्स और CMEs जैसे विस्फोटों को ट्रिगर करते हैं.

Solar Maximum 2025 Solar Maximum 2025

क्या आपने कभी सोचा कि सूरज, जो हमें रोशनी और जीवन देता है, एक दिन हमारी तकनीक और बुनियादी ढांचे को तहस-नहस कर सकता है? जी हां, 2025 में सूरज अपने सबसे उग्र रूप में है, जिसे वैज्ञानिक सोलर मैक्सिमम कहते हैं! इसमें सूरज पर गतिविधियां काफी बढ़ जाती है. साथ ही सूरज पर सनस्पॉट्स, सोलर फ्लेयर्स, और कोरोनल मास इजेक्शन्स (CMEs) की बाढ़ आ जाती है. सोलर साइकिल 25 के इस चरम दौर में NASA और NOAA ने चेतावनी जारी की है कि इसका असर न केवल अंतरिक्ष यात्रियों, बल्कि हवाई यात्रियों, सैटेलाइट्स, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर भी पड़ सकता है. 

सोलर मैक्सिमम क्या है?  
हर 11 साल में सूरज अपने चुंबकीय ध्रुवों को उलट देता है, जिसे सौर चक्र कहते हैं. इस प्रक्रिया के चरम पर, जिसे सोलर मैक्सिमम कहा जाता है, सूरज की सतह पर सनस्पॉट्स की संख्या तेजी से बढ़ जाती है. ये सनस्पॉट्स सूरज के ठंडे, गहरे क्षेत्र हैं, जो सोलर फ्लेयर्स और CMEs जैसे विस्फोटों को ट्रिगर करते हैं.

NASA और NOAA के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (SWPC) ने अक्टूबर 2024 में घोषणा की थी कि सूरज ने सोलर मैक्सिमम में प्रवेश कर लिया है, जो अगले एक साल तक जारी रह सकता है. इस दौरान सूरज की गतिविधियां अपने चरम पर होती हैं, जिससे स्पेस वेदर की घटनाएँ बढ़ जाती हैं.

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धरती पर सोलर मैक्सिमम का असर  
सोलर मैक्सिमम का प्रभाव धरती पर कई तरह से देखा जा सकता है:  

1. सैटेलाइट्स और संचार प्रणालियां: सोलर फ्लेयर्स से निकलने वाली X-रे और अल्ट्रावायलेट किरणें सैटेलाइट्स के इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचा सकती हैं. मई 2024 में, सूरज से निकले X8.7 सोलर फ्लेयर ने रेडियो ब्लैकआउट का कारण बना. सैटेलाइट्स के डी-ऑर्बिट होने का खतरा बढ़ सकता है, जिससे GPS, रेडियो संचार, और नेविगेशन सिस्टम प्रभावित हो सकते हैं.  

2. पावर ग्रिड पर खतरा: कोरोनल मास इजेक्शन्स (CMEs) धरती के चुंबकीय क्षेत्र में हलचल पैदा करते हैं, जिससे जियोमैग्नेटिक तूफान उत्पन्न होते हैं. मई 2024 में आए G5-स्तर के जियोमैग्नेटिक तूफान ने बिजली ग्रिड में अनियमितता और GPS सिग्नल में रुकावटें पैदा की थीं. ऐसे तूफान बड़े पैमाने पर पावर आउटेज का कारण बन सकते हैं.  

3. अंतरिक्ष यात्रियों और हवाई यात्रियों के लिए जोखिम: सोलर मैक्सिमम के दौरान बढ़ी हुई विकिरण की मात्रा अंतरिक्ष यात्रियों और ध्रुवीय क्षेत्रों से उड़ान भरने वाले हवाई यात्रियों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है. NASA ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की योजना बनाई है.  

NASA और NOAA की चेतावनी  
NASA और NOAA के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सोलर साइकिल 25 पिछले चक्र की तुलना में अधिक सक्रिय हो सकता है. लिसा अप्टन, साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की वैज्ञानिक, ने कहा, "सोलर साइकिल 25 की सनस्पॉट गतिविधि हमारी अपेक्षा से अधिक है, लेकिन यह सामान्य है." 3 अक्टूबर 2024 को आए X9.0 सोलर फ्लेयर इस चक्र का सबसे शक्तिशाली फ्लेयर था. NOAA का अनुमान है कि अगले कुछ महीनों में और अधिक सौर तूफान और ऑरोरा की संभावना है. स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर और NASA के सोलर डायनामिक्स ऑब्जर्वेटरी इन गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.  

क्या सूरज का यह तांडव धरती को तबाह कर देगा?  
नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोलर मैक्सिमम के प्रभाव गंभीर हो सकते हैं, लेकिन NASA और NOAA का मानना है कि सही तैयारी से नुकसान को कम किया जा सकता है. एल्सायेद तलात, NOAA के स्पेस वेदर ऑपरेशन्स डायरेक्टर, ने कहा, "यह सोलर साइकिल का चरम नहीं है, बल्कि एक सक्रिय दौर है, जिसका सटीक पीक कुछ महीनों बाद पता चलेगा." वैज्ञानिकों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता और तैयारी जरूरी है. NASA की पार्कर सोलर प्रोब और NOAA की SWFO-L1 जैसी परियोजनाएं सूरज की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं.