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सिर्फ घर ही नहीं स्पेस में भी लहराया तिरंगा...स्पेस किड्ज ने इस खास अंदाज में दी बधाई

आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर स्पेस किड्ज इंडिया ने 30 किलोमीटर ऊपर तिरंगा लहराकर देश को बधाई दी. तिरंगे को एक गुब्बारे की मदद से 1,06,000 फीट की ऊंचाई पर भेजा गया और वहां इसे फहराया गया.

Tiranga Tiranga
हाइलाइट्स
  • अंतरिक्ष यात्री ने दी बधाई

  • गुब्बारे की मदद से भेजा गया

आज पूरा देश आजादी के 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस मौके पर सरकार ने 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाया. कई लोगों इस अभियान में अपने-अपने तरीके से शामिल हुए. इस मौके पर कई सोसाइटी में भी रंगा रंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं धरती से 30 किलोमीटर आसमान में तिरंगा फहराया गया. स्पेस किड्ज इंडिया ने धरती से लगभग 30 किमी ऊपर आसमान में तिरंगा फहराया.

गुब्बारे की मदद से भेजा गया
तिरंगे को एक गुब्बारे की मदद से 1,06,000 फीट की ऊंचाई पर भेजा गया और वहां इसे फहराया गया. स्पेस किड्ज इंडिया ने अपने यूट्यूब चैनल पर इसका वीडियो पोस्ट किया है. यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव के नारे का हिस्सा था जिसकी ऐतिहासिक वर्षगांठ मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया.

बता दें कि स्पेस किड्ज इंडिया एक संगठन है जो "देश के लिए युवा वैज्ञानिकों का निर्माण कर रहा है और एक सीमाहीन दुनिया के लिए बच्चों में जागरूकता फैला रहा है." संगठन ने हाल ही में एक उपग्रह को लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च किया है. आजादीसैट को आजादी के 75 साल पूरे होने पर पूरे भारत की 750 छात्राओं द्वारा विकसित किया गया था.

अंतरिक्ष यात्री ने दी बधाई
वहीं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहकर काम कर रहे अंतरिक्ष यात्री सामंथा क्रिस्टोफोरेटी ने एक वीडियो संदेश के जरिए भारत को स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत आज अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. दशकों से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने कई अंतरिक्ष और विज्ञान मिशनों पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर काम किया है. इस बीच, भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री राजा चारी ने भी भारत को बधाई दी और कहा, "नासा और इसरो के बीच सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है. अंतरिक्ष युग के शुरुआती दिनों में जब नासा ने भारत में रॉकेट की आवाज पर इसरो के साथ काम किया था. सहयोग आज भी जारी है क्योंकि हम संयुक्त अंतरिक्ष और पृथ्वी विज्ञान मिशन पर काम कर रहे हैं."