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इस कोविड-19 वैक्सीन टेक्नोलॉजी से होगा दिल का इलाज, दौरा पड़ने से नहीं होगी मौत 

दिल का दौरा पड़ने के बाद हर साल लगभग 100,000 लोगों को ब्रिटेन के अस्पतालों में भर्ती कराया जाता है. यह तब होता है जब हार्ट तक पहुंचने वाली ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है. अक्सर इसी वजह से हमारा दिल कमजोर हो जाता है और कई बार इसमें हार्ट फेलियर की स्थिति बन जाती है.  

Heart Disease Heart Disease
हाइलाइट्स
  • दिल का दौरा पड़ने से मरने वालों को बचाया जा सकता है 

  • हर साल करोड़ों लोगों की होती है मौत 

कोविड वैक्सीन बनाने के लिए जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है अब उसकी मदद से हार्ट अटैक से खराब हुए ऑर्गन्स को भी ठीक किया जा सकेगा. किंग्स कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने एमआरएनए नाम के एक जेनेटिक कोड पहचान की है जो उस तरह का प्रोटीन बनाती है जिसकी मदद से दिल की नई और स्वस्थ सेल (Heart Cells) बनती हैं.   

आपको बताते चलें,  फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन में इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था.  अगर ये सफल होता है तो शोध के मुताबिक ये दिल के दौरे के लिए दुनिया का पहला 'इलाज' (Cure) हो सकता है.

हर साल करोड़ों लोगों की होती है मौत 

गौरतलब है कि दिल का दौरा पड़ने के बाद हर साल लगभग 100,000 लोगों को ब्रिटेन के अस्पतालों में भर्ती कराया जाता है. यह तब होता है जब हार्ट तक पहुंचने वाली ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है, इसका दुष्प्रभाव ये होता है कि इससे एक अरब हार्ट सेल्स मर जाती हैं. चूंकि इंसान का हृदय खुद को ठीक नहीं कर सकता है, इसलिए, दिल का दौरा पड़ने के बाद एक स्थायी निशान बना रहता है. अक्सर इसी वजह से हमारा दिल कमजोर हो जाता है और कई बार इसमें हार्ट फेलियर की स्थिति बन जाती है.  

दिल के मरीज को ठीक करना हो सकता है मुमकिन

लीड रिसर्चर, प्रोफेसर मौरो गियाका ने द टाइम्स को बताया, "हम सभी जितनी भी हार्ट मसल सेल (Heart Muscle cells) के साथ पैदा होते हैं, उतने के साथ ही मरते हैं.  ये बढ़ती घटती नहीं हैं. दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल में खुद को ठीक करने की क्षमता नहीं होती है. हमारा लक्ष्य एक ऐसा उपचार खोजना है जिसकी मदद से हम इन्हें बढ़ा सकें. एक दिल के मरीज को ठीक करना कुछ साल पहले तक एक सपना रहा है, लेकिन अब यह एक वास्तविकता बन सकता है.”

प्रोफेसर मौरो गियाका कहती हैं, “हम ठीक उसी तकनीक का उपयोग कर रहे हैं जैसे फाइजर और मॉडर्न वैक्सीन में किया गया था.”

दिल का दौरा पड़ने से मरने वालों को बचाया जा सकता है 

किंग्स में ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन सेंटर फॉर रिसर्च एक्सीलेंस पर आधारित शोधकर्ताओं की टीम भी दिल के दौरे के दौरान सेल्स को मरने से रोकने के लिए एक ट्रीटमेंट पर काम कर रही है. वैज्ञानिकों का मानना ​​​​है कि नई आरएनए (ribonucleic acid) थेरेपी दिल से संबंधी दवाओं पर प्रभाव डाल सकती है, जिससे हम जो लोग दिल का दौरा पड़ने से मरते हैं उन्हें बचाया जा सकता है.