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दिल्ली-एनसीआर में कोहरे से कम हुई विजिबिलिटी, जानिए इसके पीछे का पूरा साइंस

दिल्ली में कोहरे का लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है. जिस कारण विजिबिलिटी काफी होती जा रही है. घने कोहरे की वजह से सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही हैं. सुबह 5.30 बजे दिल्ली के सफदरजंग में 25 मीटर और पालम में विजिबिलिटी 50 मीटर दर्ज की गई. तो चलिए अब जरा इस कोहरे का साइंस समझ लीजिए.

दिल्ली-एनसीआर में कोहरे से कम हुई विजिबिलिटी, जानिए इसके पीछे का पूरा साइंस दिल्ली-एनसीआर में कोहरे से कम हुई विजिबिलिटी, जानिए इसके पीछे का पूरा साइंस
हाइलाइट्स
  • पहाड़ों से भी ठंडी दिल्ली

  • उत्तर प्रदेश में हालत खराब

सड़कों पर सन्नाटा, चारों ओर घना कोहरा, पहाड़ी इलाके जैसी दिखने वाली ये ठंड राजधानी दिल्ली की है. सर्दी का लुत्फ उठाने के लिए दिल्ली वालों को हिल स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है. दिल्ली पहाड़ों से भी ज्यादा ठंडी हो गई है. लगातार चौथे दिन दिल्ली का न्यूनतम तापमान दो डिग्री से भी नीचे है.
 
पहाड़ों से भी ठंडी दिल्ली
आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री तक गिर रहा है जबकि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं  शिमला 9.5 डिग्री न्यूनतम तापमान देखा गया और मनाली में 4.4 डिग्री दर्ज किया गया. कोहरे की चादर से इंडिया गेट भी गायब दिखा. हालांकि हाड़ कंपाने वाली इस ठंड में कर्तव्य पथ पर पुलिस और सेना के जवान 26 जनवरी को लेकर परेड की रिहर्सल कर रहे हैं. 
 
तस्वीरों से साफ है कि लुढ़कते पारे ने दिल्ली वालों की मुसीबतों को बढ़ा दिया है. जिन्हें मजबूरी में बाहर निकलना पड़ रहा है वो लोग खुद को पूरी तरह पैक किए हुए दिख रहे हैं. घने कोहरे की वजह से सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही हैं कई शहरों में तो विजिबिलिटी शून्य हो गई है. हालात ये थे कि सुबह 5.30 बजे दिल्ली के सफदरजंग में 25 मीटर और पालम में विजिबिलिटी 50 मीटर दर्ज की गई.
 
उत्तर प्रदेश में हालत खराब
उत्तरी भारत में उत्तर प्रदेश की हालत भी खराब है. कई जिलों में तापमान 5 डिग्री से नीचे चल रहा है. अयोध्या में तीन डिग्री से भी कम तापमान रिकॉर्ड किया गया. लिहाजा मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है. जिसमें गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, मेरठ रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अमरोहा, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, रामपुर, बरेली, उन्नाव और कानपुर शहर शामिल हैं. ऐसे में चलिए आपको इस कोहरे के पीछे की साइंस समझाते हैं. सबसे पहले ये जान लीजिए की कौन सी दृश्यता की स्थिति को घना कोहरा कहा जाता है. 
 
कितनी विजिबिलिटी को कहते हैं घना कोहरा
जब दृश्यता शून्य से 50 मीटर होती है, इसे बहुत घना कोहरा कहा जाता है. जबकि 50 मीटर से 200 मीटर की दृश्यता की स्थिति को घना कोहरा कहा जाता है. 201 से 500 मीटर को मध्यम जबकि 500 से 1000 मीटर की दृश्यता वाले कोहरे को सामान्य कोहरा कहते हैं. मौसम विज्ञान के मुताबिक दृश्यता (visibility) उस दूरी का माप होती है, जिस तक कोई वस्तु या प्रकाश स्पष्ट रूप से देखा जा सके. आम तौर पर एक सामान्य मनुष्य 02-03 किलोमीटर तक देख सकता है. यहां तक की हम अपनी आंखों से 20 किलोमीटर 12 मील तक की दूरी तक देख सकते हैं, लेकिन असल में दृश्यता की स्थिति हवा में मौजूद नमी, धूलकण और अन्य प्रदूषकों पर निर्भर करती है. 
 
कितने तरह के कोहरे होते हैं?
कोहरा एक नेचुरल स्थिति है, जो कई तरह की हो सकती है. जैसे समुद्र की सतह पर होने वाला कोहरा जिसे सी-फॉग कहते हैं. कई बार कोहरा एकदम से घना होता है और फिर तुरंत गायब भी हो जाता है. इसे फ्लेश फॉग कहते हैं. ये फॉग हवा में नमी और तापमान की वजह से अचानक आकर चला जाता है. 
 
क्यों धुंध से ज्यादा घना होता है कोहरा 
कोहरा धुंध से ज्यादा घना होता है, और धुंध के मुकाबले ज्यादा देर तक रहता है. क्योंकि इसमें पानी के कण धुंध से ज्यादा होते हैं. कोहरे में देख सकने की क्षमता हजार मीटर से कम हो जाती है, इसमें हवाई जहाज तो चल सकते हैं, लेकिन सड़क पर गाड़िया चलने के लिए ये अच्छी स्थिति नहीं है, 50 मीटर से कम दृश्यता होते ही सड़क पर दुर्घटनाएं होने लगती हैं.
 
जान भी बचाता है कोहरा
ऐसा नहीं है कि कोहरा हमेशा जान के लिए खतरा ही रहता है. कई बार या कह लीजिए की कई सभ्यताओं में ये जान बचाने वाला भी साबित हुआ है. कई जगहों पर जहां पीने के पानी की कमी हो जाती है, वहां पौधों के नीचे बर्तन रख देते हैं, ताकि पानी जमा हो सके. हालांकि ये तरीका ज्यादा असरदार नहीं है. अब फॉग कैचर भी एक टर्म चलन में आया है. इसमें तकनीकी विशेषज्ञ बड़ी सी जगह पर जमा फॉग को पानी में बदलने की कोशिश कर रहे हैं ताकि पानी की कमी से निजात मिल सके.