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Study on Human Skeleton: शरीर में हर 10 पर बदल जाता है आपका स्केलेटन, हड्डियों की होती है रीमॉडलिंग 

बोन रीमॉडलिंग की प्रक्रिया में दो प्रकार की सेल शामिल होती हैं- ऑस्टियोब्लास्ट्स और ओस्टियोक्लास्ट्स. ऑस्टियोब्लास्ट्स शरीर में नई हड्डी के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि ओस्टियोक्लास्ट्स सेल पुरानी सेन्सेंट हड्डी को तोड़ने के लिए जिम्मेदार होती हैं.

Study on Human Skeleton Study on Human Skeleton
हाइलाइट्स
  • रीमॉडलिंग से बदल जाती हैं हड्डियां 

  • मानव कंकाल लगभग हर 10 साल में बदल जाता है

क्या आप जानते हैं कि आपका शरीर लगातार नई हड्डियां विकसित कर रहा होता है. लगभग हर 10 साल के बाद आपको एक पूरा नया स्केलेटन या एक नया कंकाल मिल जाता है. दरअसल, मेडिकल की भाषा में इसे रिमॉडलिंग कहते हैं. रिपोर्ट्स कहती हैं, ज्यादातर वयस्कों मानव कंकाल लगभग हर 10 साल में बदल जाता है. यह रीमॉडलिंग जीवन भर बनी रहती है. 

रीमॉडलिंग से बदल जाती हैं हड्डियां 

यशोदा हॉस्पिटल के डॉ आर ए पूर्णचंद्र तेजस्वी कहते हैं कि लगभग 20% हड्डी के टिश्यू को रीमॉडलिंग से सालाना बदल जाते हैं. इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट के मुताबिक, सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक्स विभाग के निदेशक डॉ. वैभव बागड़िया बताते हैं कि बोन रीमॉडलिंग की प्रक्रिया में मूल रूप से दो प्रकार की सेल शामिल होती हैं: ऑस्टियोब्लास्ट्स और ओस्टियोक्लास्ट्स. ऑस्टियोब्लास्ट्स शरीर में नई हड्डी के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि ओस्टियोक्लास्ट्स सेल पुरानी सेन्सेंट हड्डी को तोड़ने के लिए जिम्मेदार होती हैं. 

हमारी हड्डियां क्यों फिर से तैयार होती हैं?

रिपोर्ट के अनुसार, डॉ वैभव बागड़िया ने कहा, "हड्डियों की ताकत और स्ट्रक्चर को बनाए रखने के लिए फॉर्मेशन और रीमॉडलिंग की यह प्रक्रिया जरूरी है. रीमॉडलिंग पुरानी और क्षतिग्रस्त हड्डी को टारगेट करती है और हड्डी की मैकेनिकल स्ट्रैंथ को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है." हड्डियां, अनिवार्य रूप से, जीवित और बढ़ते टिश्यू हैं जो ज्यादातर 2 मटेरियल से बने होते हैं - कोलेजन, एक प्रोटीन जो नरम ढांचा प्रदान करता है, और कैल्शियम खनिज जो ताकत देते हैं और ढांचे को सख्त करते हैं. ये कॉम्बिनेशन हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है ताकि यह स्ट्रेस में रह सके.

कौन से फूड्स होते हैं हड्डियों के लिए अच्छे?

जैसे-जैसे समय बीतता है और हम बड़े होते जाते हैं, हड्डियों के पुनर्निर्माण की यह दर धीमी हो जाती है. इसलिए, डाइट में पर्याप्त कैल्शियम, आवश्यक खनिज और विटामिन डी होना बहुत जरूरी है. साथ ही हड्डियां मजबूत रह सकें इसके लिए जरूरी है कि टहलना, दौड़ना जैसी गतिविधियां हड्डी के बनने के लिए अच्छी होती हैं. इसके अलावा जरूरी है कि आप नियमित व्यायाम करें. धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से परहेज करके कोई भी अपनी हड्डियों को मजबूत रख सकता है.