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बिहार के कानून मंत्री खुद फंसे कानूनी झमेले में, जानें कैसे किडनैपिंग केस में घिरे कार्तिकेय सिंह

बिहार के कानून मंत्री ही कानूनी झमेले में फंस गए हैं. कैबिनेट विस्तार के दौरान महागठबंधन सरकार में नए कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय सिंह शपथ लेने के साथ ही विवादों में घिर गए हैं. आरजेडी कोटे से मंत्री बने कार्तिकेय सिंह को अपहरण के एक मामले में मंगलवार को सरेंडर करना था लेकिन सरेंडर करने बजाए वो मिनिस्टर बनने के लिए राजभवन पहुंच गए. कार्तिकेय सिंह पर आरोप है कि 2014 में एक व्यक्ति के अपहरण में मामले में वो शामिल थे. 2017 में पटना हाईकोर्ट ने इसी मामले में कार्तिकेय सिंह को सरेंडर करने का आदेश दिया था लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी उन्होंने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया. जब उनसे इस मामले के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा चुनाव से पहले हलफनामे में उन्होंने सभी मामलों का जिक्र किया है.

The law minister of Bihar is caught in a legal mess. During the cabinet expansion, Kartikeya Singh, who was made the new Law Minister in the Grand Alliance government, has been embroiled in controversies as soon as he took oath. Karthikeya Singh, who became a minister from RJD quota, was to surrender on Tuesday in a kidnapping case, but instead of surrendering, he reached the Raj Bhavan to become a minister. Kartikeya Singh is accused of being involved in the kidnapping of a person in 2014.