देवउठनी एकादशी के साथ मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो गया है, जिससे इस शादी के सीजन में लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है. 'शुभ मंगल सावधान' और 'शुभ घड़ी का शुभारंभ' जैसे कार्यक्रमों में ज्योतिषियों ने इस दिन के महत्व पर चर्चा की. विशेषज्ञों के अनुसार, देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं, भगवान विष्णु के चार माह की योग निद्रा से जागने का दिन है. पद्म पुराण में इसे अश्वमेध यज्ञों के बराबर बताया गया है. इसी दिन से विवाह और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य पुनः आरंभ होते हैं. इस अवसर पर तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराने की परंपरा है, जिसे दांपत्य जीवन में सुख-शांति और विवाह बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है. कार्यक्रम में विष्णु जी को पीली वस्तुएं अर्पित करने, 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जाप सहित पूजा विधि और तुलसी विवाह के शुभ मुहूर्त पर प्रकाश डाला गया. शादी-ब्याह के सीजन की शुरुआत के साथ बाजारों में रौनक बढ़ी है, और सोना खरीदने के ज्योतिषीय महत्व पर भी विशेषज्ञों ने जानकारी दी.