महात्मा गांधी चाहते थे कि ग्राम पंचायतें लोगों के सशक्तिकरण और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी का इजाफा करें, गांव में स्वशासन हो और इसमें महिलाओं की भी भागीदारी हो. स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चत करने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है. लेकिन इसके बाद भी महिलाओं के अधिकारों पर पुरुषों का वर्चस्व देखने को मिल रहा है. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ में सामने आया है. जहां महिला निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की जगह उसके पतियों ने शपथ ले ही. ऐसे में हमारे आज के सातों सवाल इसी मुद्दे से जुड़े होंगे. पहला सवाल है कि छत्तीसगढ़ में 'पंच पतियों' का शपथ ग्रहण क्यों? अभी तक तो प्रधान पतियों पार्षद पतियों और पंच पतियों के काम संभालने की बात होती थी लेकिन इस बात पंच पतियों ने रिकॉर्ड ही तोड़ दिया.