पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो चुकी है, जो 21 सितंबर को समाप्त होगा. यह 122 साल बाद एक दुर्लभ संयोग है जब पितृपक्ष चंद्रग्रहण से शुरू होकर सूर्यग्रहण पर समाप्त हो रहा है. इस दौरान, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गया, प्रयागराज, और वाराणसी जैसे तीर्थस्थलों पर तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जा रहे हैं. दूसरी ओर, त्योहारी सीज़न की खरीदारी को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, जिसमें जीएसटी दरों में कटौती से और भी उछाल आने की उम्मीद है.