दिल्ली के पास हरियाणा के फरीदाबाद में आज से 36वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की शुरुआत हो चुकी है. 3 से 19 फरवरी तक चलने वाले इस मेले का उद्धाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया है. इस बार मेले की थीम नॉर्थ ईस्ट रीजन के 8 स्टेट पर है जबकि पार्टनर कंट्रीज के तौर पर शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी SCO के राष्ट्र हैं. इस मेले में लोगों को कला संस्कृति और खान-पान के अनेकों रंग देखने को मिलेंगे.
प्रभु राम की नगरी अयोध्या में आज विशेष पूजा के बाद दो शालिग्राम शिलाएं राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी गईं. अब इन शिलाओं का एक्सपर्ट परीक्षण करेंगे जिसके बाद इनमें प्रभु राम और माता जानकी की प्रतिमा को तराशने का काम किया जाएगा. 7 दिन और क़रीब 373 किलोमीटर के सफर के बाद जब ये देवशिलाएं अयोध्या की पावन धरती पर पहुंची तो रामनगरी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा.
अब आपको पवित्र शिला की यात्रा के बारे में बताते हैं. रामलला की मूर्ति के लिए पवित्र देवशिला शालीग्राम पत्थर की यात्रा नेपाल से शुरू हुई. इस शिला को नेपाल के पोखरा के काली गंडकी नदी से निकाला गया और अब अयोध्या लाया जा रहा है. इसका वजन 40 टन से भी ज्यादा है. नदी से ट्रक तक और ट्रक से मंदिर तक पहुंचने में इस यात्रा में कौन कौन से पड़ाव आए हैं उनकी ये 8 तस्वीरें देखिए.
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए प्रभु श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा निर्माण के लिए लाई जा रही शालिग्राम शिलाओं का नेपाल से लेकर भारत तक जोरदार स्वागत हो रहा है. जगह-जगह पर बड़ी संख्या में राम भक्त इन शिलाओं के दर्शन और पूजन के लिए उमड़ रहे हैं. करीब 40 टन वजनी ये देवशिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी बताई जा रही हैं जिनके दो फरवरी को अयोध्या पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है.
भारतीय सेना ने महाराष्ट्र के नासिक में मौजूद देवलाली फील्ड फायरिंग रेंज में सालाना युद्धाभ्यास किया. तोपची नाम की इस एक्सरसाइज में इस बार K-9 वज्र, धनुष, इंडियन फील्ड गन, लाइट फील्ड गन और पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर्स जैसे हथियारों की ताकत को परखा गया. यानी इस बार इस आर्मी एक्सरसाइज में स्वदेशी हथियारों की क्षमता को परखा गया. ये मेगा अभ्यास लेफ्टिनेंट जनरल एस हरिमोहन अय्यर, अति विशिष्ट सेवा मेडल, कमांडेंट स्कूल ऑफ आर्टिलरी और कर्नल कमांडेंट रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी के नेतृत्व में किया गया.
भारतीय सेना युद्धाभ्यास के जरिए अपनी तैयारियों को धार देने में जुटी हैं. आज हम आपको भारतीय सेना के ऐसे ही दो युद्धाभ्यास के बारे में तफ्शील से बताने जा रहे हैं. लेकिन पहले बात एक्सरसाइज साइक्लोन-I की, जो इन दिनों राजस्थान के जैसलमेर में चल रहा है. 14 दिनों के इस युद्धाभ्यास में भारत और मिश्र की सेनाओं के स्पेशल दस्तों ने हिस्सा लिया. इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना है. इस आर्मी एक्सरसाइज में सेना के हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल.
अच्छी और सच्ची खबरों में पहले बात 74वें गणतंत्र दिवस की जिसका जश्न आज पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर कर्तव्य पथ हिंदुस्तान की आन, बान, शान की झलक पूरी दुनिया ने देखी. साथ ही साथ देश की कला और संस्कृति का अनूठा संगम भी परेड में नज़र आया. राजपथ के कर्तव्य पथ में तब्दील होने के बाद पहली बार वहां परेड हुई. जिसमें सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के लिए काम करने वाले श्रमिकों को भी परिवार संग परेड में आमंत्रित किया गया था. जबकि दो साल बाद मुख्य अतिथि के तौर पर मिश्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी भी परेड का हिस्सा बनें. लेकिन पहले बात देश के वीरों के शौर्य की. जिन्होंने ज़मीन से लेकर आसमान तक अपने पराक्रम से लोगों का दिल जीत लिया.
अच्छी और सच्ची खबरों में सबसे पहले बात 74वें गणतंत्र दिवस की, जिसको लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह कई मायनों में खास होने जा रहा है. राजपथ के कर्तव्य पथ में बदलने के बाद पहली बार परेड का आयोजन होगा. जिसमें रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की झलक के साथ-साथ देश की कला और संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी.
स्वतंत्रता दिवस की तरह गणतंत्र दिवस भी हमारे लिए राष्ट्रीय त्योहार है. इस दौरान करीब 141 करोड़ देशवासियों में जोश और देशभक्ति देखने लायक होती है. 26 जनवरी को जगह-जगह देशभक्ति के नारे सुनाई देते हैं. 74वां गणतंत्र दिवस तो इस बार कई मायनों में खास है. गणतंत्र समारोह के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि इस बार कर्तव्यपथ पर सबसे आगे वीवीआईपी यानी अति विशिष्ट लोगों की बजाय श्रमजीवी बैठेंगे. जिनमें मजूदर, रिक्शावाले, ठेलेवाले, सब्जी और दूध बेचने वाले लोग भी शामिल होंगे. इनमें सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के निर्माण में जुड़े मजदूर भी शामिल होंगे.
नया संसद भवन करीब-करीब बनकर तैयार है. ये प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसका जल्द ही उद्धाटन हो सकता है. लेकिन उद्घाटन से पहले ही इसकी कुछ तस्वीरें सामने आईं है, जिनमें इसकी भव्यता और सुंदरता को देखा जा सकता है. अंग्रेजों के जमाने में बना संसद भवन अब जल्द ही इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा और ये नया आलीशान पार्लियामेंट देश की नई पहचान बनेगा.
भारतीय नौसेना के बेड़े में आज पनडुब्बी INS वागीर को शामिल कर लिया गया है. प्रोजेक्ट 75 के तहत कलवारी क्लास की ये पांचवी सबमरीन है. जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया. मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार की मौजूदगी में INS वागीर को नौसेना में कमीशन किया गया. INS वागीर पूरी तरह से भारत में बनी है. इसे फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप के साथ मिलकर मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है.