आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. मशीनें अब हमारी सोच को समझने लगी हैं और खुद भी सोचने लगी हैं. एआई डॉक्टर से छात्रों तक, किसानों से स्टार्ट अप तक और हर किसी की दुनिया आसान बना रहा है. भारत में एआई सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, जिसका मार्केट 2025 के अंत तक लगभग 60,000 करोड़ तक पहुँच सकता है. अमेरिका के बाद भारत एआई सीखने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. यह कहना गलत नहीं होगा कि 'एआई अब सिर्फ भविष्य की बात नहीं, ये आज की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजिकल क्रांति है, जिसके केंद्र में भारत भी है.' संसद के मानसून सत्र से लोकसभा में एआई की मदद से सांसदों की हाजिरी लगेगी, उनके भाषणों का रियल टाइम ट्रांसलेशन होगा और टेक्स्ट ट्रांसक्रिप्शन भी पल भर में मुहैया हो जाएगा. यह डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा बदलाव है.